ये है CM योगी का जलवा, इस मामले में डिंपल यादव तक को भी नहीं बख्शा

राजनीति में तो ये अनादिकाल से होता आ रहा है। जब-जब किसी सत्ताधारी के हाथ से राजपाठ चला जाता है तो उसे सभी सेवाओं से भी वंचित होना पड़ना है। ऐसी ही तस्वीर अब उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही है। यहां की जनता ने समाजवादियों को सत्ता से बेदखल कर राजपाठ योगी आदित्यनाथ के हाथों में सौंप दिया। उन्होंने गद्दी संभालते ही सबसे पहले सपाईयों को मिलने वाली गैरजरूरी सेवाओं को निशाना बनाया।
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सीएम योगी ने डिंपल को भी नहीं बख्शा
इस क्रम में योगी सरकार ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी सांसद डिंपल यादव तक को नहीं बख्शा। दरअसल, सीएम योगी ने उन्हें मिल रही ‘जेड प्लस सिक्यॉरिटी’ छीन ली है। जैसे ही इस फैसले के बारे में पता चला इसकी चर्चा तेजी से शुरु हो गई है।
इन नेताओंं की भी छिनी जेड प्लस सिक्यॉरिटी
केवल यहीं नहीं पूर्व मंत्री आजम खान, शिवपाल यादव और एसपी महासचिव रामगोपाल यादव भी इस कार्रवाई में लपेटे गए। इन बड़े नेताओं की भी ‘जेड प्लस सिक्यॉरिटी’ छिनी गई है। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से उन्हें Y कैटेगरी सिक्यॉरिटी दे दी गई है। बता दें, हाल ही में होम डिपार्टमेंट की मीटिंग के बाद पूर्व सरकार में नेताओं और मंत्रियों को दी गई सिक्यॉरिटी के संबंध में रिपोर्ट मंगाई गई थी। इसके बाद डिंपल यादव, आजम खान, शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव की सुरक्षा घटाई गई।
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सपा के करीबी 100 लोगों पर बराबर कार्रवाई
इसके अलावा सपा सरकार के करीबी 100 अन्य लोगों की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। हालांकि, सरकार ने मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मायावती की जेड प्लस सिक्यॉरिटी को जारी रखा है।
भाजपा के इस नेता को दी जेड प्लस सिक्यॉरिटी
वहीं, बीजेपी के सीनियर नेता और राज्यसभा मेंबर विनय कटियार की सिक्यॉरिटी Y कैटेगरी से बढ़ाकर Z कैटेगरी की कर दी गई है। इसके अलावा बदायूं के सांसद धर्मेंद्र यादव की वाई प्लस कैटेगरी की सिक्युरिटी जारी रखी गई है। बसपा के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को भी वाई प्लस कैटेगरी सुरक्षा दी गई है। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को वाई कैटेगरी सुरक्षा दी गई है।
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वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए उठाया कदम
बता दें, वीआईपी कल्चर खत्म करने के तहत सीएम योगी ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को सिर्फ जरूरत के मुताबिक सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सभी वीवीआईपी और वीआईपी को मिली सिक्यॉरिटी का रिव्यू किया गया।
यह भी जाने किसे मिलती है जेड और जेड प्लस सिक्युरिटी?
सीएम, कैबिनेट रैंक के मिनिस्टर्स, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज और कुछ ऑफिसर्स को ही यह जेड या जेड प्लस कैटेगरी की सिक्युरिटी दी जाती है।जेड़ प्लस सिक्यॉरिटी की जिम्मेदारी यूनियन होम मिनिस्ट्री के अंडर में होती है। इसके लिए वहीं से जरूरी गाइडलाइंस दी जाती है।
ये हैं सिक्युरिटी की कैटेगरी
SPG- ये सिक्यॉरिटी पीएम और उनके परिवारवालों को दी जाती है। एक्स पीएम के लिए यह 6 महीने तक रहती है। इसके अलावा स्पेशल लॉ के तहत यह फैसेलिटी राजीव गांधी के परिवार वालों को दी गई है।
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Z Plus- इसमें 36 जवानों को तैनात किया जाता है। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो और पुलिस ऑफिसर्स होते हैं। एनएसजी कमांडो मार्शल आर्ट माहिर होते हैं और बगैर हथियारों के भी दुश्मन से लड़ सकते हैं। वो MP 5 गन्स और कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस होते हैं। काफिले में जैमर भी होता है।
Z- खतरा जेड प्लस से कुछ कम हो तो, जेड कैटेगरी की सिक्यॉरिटी दी जाती है। इसमें सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ या पुलिस के 22 जवान तैनात रहते हैं। इनमें 5 एनएसजी कमांडो के साथ पुलिस ऑफिसर्स होते हैं।
Y- इसमें 11 जवान रहते हैं। इनमें 1 या 2 एनएसजी कमांडो होते हैं।
X- सिक्युरिटी की इस कैटेगरी में 2 जवान रहते हैं, जो आमतौर पर स्टेट पुलिस के होते हैं। इन्हें पीएसओ कहा जाता है।