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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान से प्रेरणा लेते हुए लखनऊ स्थित शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय ने समूह ग व घ में साक्षात्कार खत्म करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने भाषणों में इन साक्षात्कारों को खत्म करने पर जोर दिया था।

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शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय ने इसकी शुरुआत करते हुए समूह ग व घ में साक्षात्कार खत्म करने का फैसला किया। ऐसा करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है।

शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. निशीथ राय ने कहा, “प्रधानमंत्री की इच्छा के अनुरूप विश्वविद्यालय की तरफ से यह पहल की गई है और समूह ग व घ की नौकरियों में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने पर जोर दिया गया है।”

राय ने कहा कि विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक 21 अप्रैल को संपन्न हुई थी, जिसमें सामूहिक तौर पर फैसला लिया गया। इस बैठक में 17 अप्रैल को वित्त समिति द्वारा लिए गए फैसलों को अनुमोदन प्रदान किए जाने के साथ ही कुछ अहम फैसले भी लिए गए।

कुलपति ने कहा, “विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल प्रेक्षागृह रखने का फैसला किया गया है। 24 अप्रैल को संपन्न होने वाले तृतीय दीक्षांत समारोह के दौरान यह अटल जी के नाम पर समर्पित हो जाएगा।”

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष मनाए जाने को भी मंजूरी मिल गई है। यह स्थापना दिवस प्रत्येक वर्ष 19 सितंबर को मनाया जाएगा। इस वर्ष यह विश्वविद्यालय अपना आठवां स्थापना दिवस मनाएगा?

कुलपति निशीथ राय ने कहा कि कार्य परिषद की बैठक में मोबाइल वर्कशाप और सेंसरी गार्डन बनाने की मंजूरी मिल गई। इसके अतिरिक्त मल्टी मीडिया लैब के अलावा राष्ट्रीय संग्राहलय बनाने पर भी मुहर लग गई।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नए ऑडियोलाजी एंड स्पीच लैंग्वेज पैथोलाजी खोलने पर भी मुहर लगी है। दिव्यांगजनों के लिए कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र में ट्राई साइकिल के उत्पादन एवं निर्माण इकाई की स्थापना के लिए पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।

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