मुसीबत में फंसी माल्या की अमेरिकी बीयर कंपनी
न्यूयॉर्क। उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ भारत में कानूनी कार्रवाई की आंच से उनकी अमेरिकी कंपनी मेंडोसिनो ब्रीविंग भी झुलसने लगी है। कैलिफोर्निया की इस बीयर कंपनी को अपनी होल्डिंग कंपनी यूबीएचएल से 10 लाख डॉलर का फंड कर्ज के तौर पर मिलना था। मगर अब इस रकम का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। यूबीएचएल (यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग) ने इसका वादा किया था। मेंडोसिनो ने रेगुलेटरी फाइलिंग में यह जानकारी दी है।
इस बीयर कंपनी के चेयरमैन और मेजॉरिटी शेयर होल्डर माल्या के खिलाफ भारत में कई कानूनी मामले चल रहे हैं। भारत सरकार भी सख्त कार्रवाई करने में जुटी है। इनका असर यूबीएचएल व वित्त के अन्य संभावित स्त्रोतों से फंड हासिल करने पर पड़ सकता है। अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड मेंडोसिनो की ओर से यह पहली स्वीकारोक्ति है। कंपनी धन जुटाने के लिए जूझ रही है। यूबीएस समेत यहां के कई बैंक पहले ही उसे भुगतान में डिफॉल्ट करने पर नोटिस दे चुके हैं।
मेंडोसिनो ने अमेरिकी बाजार नियामक एसईसी से कहा है कि अगर वह धन जुटाने में विफल रही तो कर्ज देने वाले बैंक गिरवी रखी संपत्तियों की नीलामी भी कर सकते हैं। माल्या के यूबी ग्रुप की होल्डिंग कंपनी यूबीएचएल मेंडोसिनो में परोक्ष तौर पर मेजॉरिटी की शेयरधारक है। माल्या की छवि खराब होने की वजह से फंडिंग के दूसरे स्त्रोत भी कर्ज देने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
माल्या पर बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया गया करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। कर्ज देने वाले 17 भारतीय बैंक इसकी वसूली के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि माल्या भारत छोड़कर लंदन में रहने लगे हैं।
भारत में यूनाइटेड ब्रेवरीज (यूबीएल) माल्या का डिविडेंड भुगतान रोक चुकी है। यह लाभांश बीते वित्त वर्ष 2015-16 के लिए दिया जाना था। उनके इस कंपनी में 2.13 करोड़ शेयर हैं। प्रति शेयर 1.15 रुपये के हिसाब से उन्हें लाभांश के तौर पर करीब ढाई करोड़ रुपये मिलने थे। ऋण वसूली ट्रिब्यूनल (डीआरटी) के आदेश के चलते यह अटक गया है। इससे पहले डीआरटी उन्हें ब्रिटिश कंपनी डियाजियो की ओर से दी जाने वाली करीब 500 करोड़ रुपये की रकम पर भी रोक लगा चुकी है। यह राशि यूबीएल का चेयरमैन पद छोड़ने की एवज में दी जानी थी।
भारतीय बैंक भी उन्हें विलफुल डिफॉल्टर (इरादतन कर्ज न चुकाने वाला) घोषित कर चुके हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत कई सरकारी एजेंसियां उनके खिलाफ जांच में जुटी हुई हैं। भारत सरकार ने उनका पासपोर्ट निलंबित कर दिया है। यही नहीं, माल्या राज्यसभा की सदस्यता भी गंवा चुके हैं।