तो इसलिए मलेशिया में जाकिर नाइक के भाषण देने पर लगी पाबंदी, जानें यह बड़ा कारण…

इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर मलेशिया में भाषण देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के आरोप और घृणास्पद भाषणों के माध्यम से चरमपंथ को उकसाने के आरोप में वह वांछित है। जाकिर नाइक पर पहले भी मलेशियाई अधिकारियों ने भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था और सोमवार को स्थानीय पुलिस द्वारा पूछताछ की गई थी।

जाकिर नाइक ने 3 अगस्त को कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं के पास भारत में मुसलमानों की तुलना में “100 गुना ज्यादा” अधिकार हैं। उन्होंने चीनी मलेशियाई समुदाय के खिलाफ असंवेदनशील टिप्पणी भी की। जाकिर नाइक (53 वर्षीय) एक विवादास्पद व्यक्ति जिसने 9/11 के आतंकवादी हमलों को भी जायज ठहराया था। वह तीन साल पहले भारत से भाग कर मुस्लिम बहुल देश मलेशिया में छिप गया था, जहां उसे पिछली सरकार ने स्थायी निवास प्रदान किया गया था।

पिछले साल जुलाई में भारत ने मलेशिया से जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध किया था। हालांकि, प्रधानमंत्री महाथिर ने कहा कि उन्हें तब तक निर्वासित नहीं किया जाएगा, जब तक कि वे कोई समस्या पैदा नहीं कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा था कि उन्हें (जाकिर नाइक) को स्थायी निवासी (पीआर) का दर्जा प्राप्त है। अगर वह ऐसा कुछ करते हैं, जो राष्ट्र की भलाई के लिए हानिकारक है, तो हम उस दर्जे को वापस ले सकते हैं। इस्लामिक उपदेशक को भारत वापस भेजने के लिए मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री एम. कुलसेगरन ने नए सिरे से आह्वान किया है। हालांकि, देश के प्रधानमंत्री ने उनकी मांग को खारिज कर दिया और कहा कि वह मलेशिया में रहेंगे क्योंकि उनकी जान को खतरा है।

पीएम ने यह भी कहा था कि जाकिर का भारत को प्रत्यर्पण नहीं किया जा सकता है, क्योंकि भारत में उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद कम है। वहां उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। हालांकि, किसी दूसरे देश को जाकिर को सौंपा जा सकता है।

 

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