मंत्री नवजोत सिद्धू के शायराना अंदाज में Tweet से चढ़ा सियासी पारा, अब होने लगी ऐसी कयासबाजी

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बिना नाम लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला करने वाले स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू आजकल अपनी ही कैबिनेट के निशाने पर हैैं। मुख्यमंत्री ने भी उनका महकमा बदलने के संकेत दिए हैैं। इस सबके बीच सिद्धू ने शायराना अंदाज में Tweet किया है, उन्होंने लिखा है-

सितारों से आगे जहां और भी हैं

अभी इश्क के इम्तिहां और भी हैं

तू शाहीन है, परवाज है काम तेरा

तेरे सामने आसमां और भी हैं

गए दिन कि तन्हा था मैं अंजुमन में

यहां अब मेरे राजदां और भी हैं।

सिद्धू के इस Tweet पर राजनीतिक हलकों में फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कई सियासी माहिरों का कहना है कि सिद्धू अपने लिए अब नई राह तलाश रहे हैं। अपनों के निशाने पर आने के बाद पार्टी में सिद्धू हाशिए पर जाते दिखाई पड़ रहे हैं। दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग से पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बारे में पार्टी प्रधान राहुल गांधी से सिद्धू का महकमा बदलने के बारे में बात करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

राहुल ने नहीं दिया कैप्टन को समय

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कैप्टन अमरिंदर को मिलने का समय नहीं दिया है। इस वजह से कैप्टन दिल्ली में ही रुक गए हैं और उन्होंने राहुल से मिलने के लिए समय मांगा है।

कैप्टन को जवाब भी दे सकते हैैं सिद्धू

सिद्धू के इस Tweet के अनुमान अलग-अलग लगाए जा रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वह आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधेंगे और हर नगर पालिका और नगर निगम को दिए गए फंडों के आधार पर शहरों में जिन सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है उसका कैप्टन को जवाब देंगे। दूसरा कइयों का यह भी कहना है कि वह पार्टी छोड़कर कोई अन्य राह भी अपना सकते हैं, इसलिए उन्होंने कहा कि सितारों के आगे जहां और भी हैं…।

‘पहले राजनीति से इस्तीफा दो, फिर करना शायरी’

नवजोत सिद्धू के Tweet को लेकर भी लोग उनका मजाक उड़ाने में लगे हुए हैं। लोगों ने सिद्धू के उस Tweet का सहारा लिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर राहुल गांधी अमेठी से हार गए तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इसी Tweet को लेकर सिद्धू के फॉलोअर्स और अन्य ने कहा है कि शायरी तो ठीक है, वह इस्तीफा कब देंगे या राजनीति कब छोड़ेंगे?

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