भारत में इस जगह एक पान तय करता है लड़की की हां या ना, जानिए क्यों?

‘एमपी अजब है, सबसे गजब है’, ये मध्य प्रदेश पर्यटन के विज्ञापन की लाइनें खुद को पूरी तरह से स्थापित करती हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, अजब एमपी में ऐसी कई गजब चीजें होती हैं, जिनपर शायद आम आदमी विश्वास न करे. अगर हम आपसे कहें कि कोई लड़की आपका दिया पान खा ले, तो इसे लड़की की रजामंदी माना जाता है. तो आप शायद ही इसे सच मानेंगे. लेकिन, मध्य प्रदेश में ऐसा होता है. 

इंदौर के आदिवासी अंचल धार, झाबुआ, खरगोन में होली के आसपास ‘भगोरिया उत्सव’ मनाया जाता है. इस दौरान भगोरिया उत्सव में हाट-बाजारों का आयोजन किया जाता है. इस उत्सव के दौरान ही आदिवासी समाज में शादियां भी होती हैं. आदिवासी परंपरा के अनुसार, अलग-अलग इलाकों में भगोरिया हाट का आयोजन किया जाता है. वहीं, इन पारंपरिक हाट बाजारों में एक अनोखी परंपरा होती है. यहां आदिवासी युवक-युवतियां सज-धज कर भावी जीवनसाथी भी खोजते हैं. 

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वहीं, जीवनसाथी को तलाश करने और रजामंदी का इनका तरीका भी निराला है. भगोरिया हाट में युवक किसी भी आदिवासी युवती को पान खाने के लिए दे सकता है. अगर लड़की ने वह पान खा लिया तो, इसे उसकी रजामंदी मान लिया जाता है. पान खाने को युवती की हां माना जाता है. लड़की द्वारा शादी का प्रस्ताव स्वीकर करने के बाद परिवार इसका विरोध नहीं करते हैं और दोनों की शादी कर दी जाती है.

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