बिहार: उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा में हो सकता है शरद यादव की पार्टी का विलय
अगर केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने राजग से नाता तोड़ा तो जदयू के वरिष्ठ नेता रहे शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का रालोसपा में विलय हो सकता है। राजग से निकाले जाने का इंतजार कर रहे कुशवाहा ने बीते दिनों शरद से हुई मुलाकात के दौरान बिहार में महागठबंधन की संभावनाओं के इतर दोनों दलों में विलय की संभावनाओं पर भी लंबी चर्चा की थी। गौरतलब है कि बिहार में लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के फार्मूले से असहज कुशवाहा ने पीएम नरेंद्र मोदी से 28 नवंबर से 30 नवंबर के बीच मिलने का समय मांगा है। शरद के करीबी सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर बिहार में राजग के खिलाफ जनता दल, रालोसपा, हम और वाम दलों का महागठबंधन तैयार करने की कोशिश हो रही है। राजग से नाराजगी के बीच बीते दिनों शरद और कुशवाहा की मुलाकात में महागठबंधन पर चर्चा के दौरान दोनों दलों के विलय पर भी गंभीर मंथन हुआ। इस मामले में शरद का रुख बेहद सकारात्मक था।
दरअसल राजग में रालोसपा की उपस्थिति अब महज औपचारिकता भर है। कुशवाहा चाहते हैं कि उन्हें भाजपा नेतृत्व की ओर से गठबंधन से बाहर किया जए। यही कारण है कि एक ओर तो वह विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी से मिलने का समय भी मांग रहे हैं।
दरअसल राजग में रालोसपा की उपस्थिति अब महज औपचारिकता भर है। कुशवाहा चाहते हैं कि उन्हें भाजपा नेतृत्व की ओर से गठबंधन से बाहर किया जए। यही कारण है कि एक ओर तो वह विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी से मिलने का समय भी मांग रहे हैं।
पीएम से समय न मिलने की स्थिति में पार्टी का एक धड़ा 11 नवंबर को आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे के अलावा भाजपा की ओर से सीट बंटवारे के फार्मूले का घोषित होने तक इंतजार करने के मूड में हैं, जबकि दूसरा धड़ा दिसंबर के पहले हफ्ते में अंतिम फैसला करना चाहता है।