बड़ी मुसीबत में आई ठाकरे सरकार, एक साथ इतने विधायक देंगे इस्‍तीफा

मुंबई। कर्नाटक में बीजेपी को सत्‍ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस ने जनता दल एस के नेता एचडी कुमारस्‍वामी को समर्थन देकर सरकार बनवाई थी और वह सरकार अपने अंतर्कलह के चलते एक साल बाद ही गिर गई थी। आज कर्नाटक में बीएस येदियुरप्‍पा के नेतृत्‍व में अपनी सरकार चल रही है।

वहीं इसके बाद महाराष्‍ट्र में भी बीजेपी को सत्‍ता से बाहर रखने के लिए एनसीपी-कांग्रेस ने शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्‍व में सरकार बनवाई। उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल के दूसरे विस्‍तार के बाद से गठबंधन के तीनों दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने बागी सुर अलापने शुरू कर दिए हैं। उद्धव कैबिनेट में शिवसेना सांसद संजय राउत के भाई सुनील राउत को जगह न मिलने से वे नाराज बताए जा रहे हैं।

खबरों के मुताबिक, इसी के चलते कैबिनेट विस्‍तार के दौरान संजय राउत वहां मौजूद नहीं थे। एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के बारे में तो कहा जा रहा है कि वो जल्‍द ही इस्‍तीफा दे सकते हैं। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता राजू शेट्टी भी कैबिनेट में जगह न मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।

शिवसेना नेता संजय राउत उद्धव ठाकरे के नेतृत्‍व में गठबंधन की सरकार बनवाने के बड़े सूत्रधार रहे हैं। बीजेपी पर लगातार तीखे हमला करके वे सुर्खियों में आए और पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर करारे प्रहार भी किए। सरकार बन गई पर उनके भाई को कैबिनेट में जगह नहीं मिली।

ऐसे में संजय राउत के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित न होने से उनकी नाराजगी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। संजय राउत के भाई सुनील राउत मुंबई के विक्रोली से विधायक हैं। माना जा रहा था कि सुनील राउत मंत्री बनने के प्रबल दावेदारों में से थे। हालांकि संजय राउत ने सुनील राउत को मंत्री न बनाए जाने को लेकर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।

दूसरी ओर यह भी जानकारी सामने आई है कि सुनील राउत के अलावा शिवसेना के कई और दावेदार मंत्री पद न मिलने से नाराज हैं। शायद इसी कारण प्रताप सारनिक, तानाजी सावंत, सुनील प्रभु, रवींद्र वायकर, भास्कर जाधव और रामदास कदम भी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे थे।

वहीं, एनसीपी में भी बागी सुर बुलंद हो गए हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के करीबी प्रकाश शोलंके चार बार से विधायक हैं, फिर भी उन्‍हें मंत्री नहीं बनाया गया। अब वो इस कदर खफा है कि राजनीति छोड़ने के बारे में ही विचार कर रहे हैं। प्रकाश सोलंके ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा और राजनीति से सन्यास लेने की बात कही है। हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि मेरे इस्‍तीफे का कैबिनेट विस्‍तार से कोई संबंध नहीं है।

मंत्रिमंडल विस्तार में जगह न मिलने से शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन महा विकास अघाड़ी की सहयोगी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन नेता राजू शेट्टी भी नाराज हैं। उन्‍होंने कहा, बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए निस्वार्थ रूप से प्रयास करने वाले सभी सहयोगियों की अनदेखी की गई।

मंत्रिमंडल विस्‍तार में अनदेखी के चलते पीडब्ल्यूपी की अध्यक्ष जयंत पाटिल, बहुजन विकास अघाड़ी के अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर भी नाराज हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी के साथ राजीव शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, जंयत पाटिल की पीडब्ल्‍यूपी और हितेंद्र ठाकुर की बहुजन विकास अघाड़ी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। फिर भी उन्हें महा विकास अघाड़ी सरकार में जगह नहीं मिल सकी।

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