बच्चे के असाध्य रोग को दूर कर सकते हैं किन्नर, जानें किस तरह है यह संभव

आपने अक्सर देखा होगा कि किन्नरों को आज भी हमारे समाज में वह सम्मान नहीं मिल पाया है जिसके वे हकदार हैं, जबकि धर्मग्रंथों में भी उन्हें सम्मान दिया गया हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि तंत्र-मंत्र और आशीर्वाद के लिए किन्नरों को बहुत शुभ माना गया हैं। जी हाँ, आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय बताने जा रहे हैं जिसमें किन्नरों की मदद से आपके बच्चों के असाध्य रोग को दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते है इन उपायों के बारे में।बच्चे के असाध्य रोग को दूर कर सकते हैं किन्नर, जानें किस तरह है यह संभव

* नवजात शिशु के जन्म से ठीक अगले आने वाले किसी बुधवार को अथवा बुध के किसी नक्षत्र में शिुशु को किन्नर की गोद में दे दें। वह बच्चे को आर्शीवाद देगा जो बच्चे के लिए बहुत ही भाग्यशाली सिद्ध होगा।

* बच्चे के जन्म से उसके अन्नप्राशन तक प्रत्येक बुधवार और प्रत्येक बुध के नक्षत्र को उसको किसी प्रसन्नचित्र किन्नर से आर्शीवाद दिलवाया करें। बच्चे के स्वास्थ्य और उसके उत्तरोत्तर विकास के लिए यह उपक्रम बहुत ही भाग्यशाली सिद्ध होगा।

* बच्चे को किसी बुरी नज़र के कारण शरीरिक कष्ट हो रहे हों और चिकित्सक आदि से उनका निदान न हो पा रहा हो, तो तीन चार-दिन लगातार बच्चे को किसी किन्नर की गोद में खेलने के लिए छोड़ दिया करें। उनके हृदय से निकली दुआ, आशीष बच्चे को किसी अच्छे से अच्छे चिकित्सक की दवा से भी अधिक प्रभावशाली सिद्ध होगी।

* बच्चा यदि किसी असाध्य रोग से पीड़ित है और सब दवाएं निष्प्रभाव सिद्ध हो रही हों तो किसी किन्नर से कुछ दिन तक बच्चे की सेवा करवाएं। वह ही अपने निष्काम मनोभाव से बच्चे को दवा दें। बच्चे को दवा का सुप्रभाव शीघ्र ही दिखाई देने लगेगा।

* मल-मूत्र अवरोध के कारण बच्चे के पेट में कष्ट हो रहा हो तो किन्नर से उसके पेट पर हाथ फिरवाएं, बच्चे का आशातीत लाभ होने लगेगा।

* बच्चा यदि किसी असाध्य रोग से पीड़ित है और सब दवाएं निष्प्रभाव सिद्ध हो रही हों तो किसी किन्नर से कुछ दिन तक बच्चे की सेवा करवाएं। वह ही अपने निष्काम मनोभाव से बच्चे को दवा दें। बच्चे को दवा का सुप्रभाव शीघ्र ही दिखाई देने लगेगा।

* कोई बच्चा अथवा बड़ा कमर का दर्द, आधा सीसी दर्द आदि के कारण पीड़ित है तो 21 बार उसके माथे पर धीरे-धीरे सस्नेह किसी किन्नर से हाथ फिरवाएं। कमर की पीड़ा के लिए उसके बाएं पैर से हल्के से लात लगवाएं। आप देखेंगे कि पीड़ा में चमत्कारी रूप से लाभ मिलने लगा है।

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