पिछले तीन महीनों में सन फार्मा के शेयरों में 40 फीसद की गिरावट

पिछले कुछ महीने सन फार्मास्यूटिकल्स के लिए बेहद खराब रहे हैं और बाजार नियामक सेबी (सिक्योरिटी एक्सचेंड बोर्ड ऑफ इंडिया) के पास भेजी गई शिकायतों के बाद आने वाले दिनों में कंपनी को राहत मिलने की उम्मीद कम ही है।

एक व्हिसलब्लोअर की तरफ से सेबी को भेजी गई ताजा शिकायतों के बाद कंपनी के शेयरों की जबरदस्त पिटाई हुई है। 17-18 जनवरी को सन फार्मा का शेयर करीब 14 फीसद नीचे चला गया। वहीं अक्टूबर 2018 के बाद से लेकर अब तक कंपनी के शेयर 40 फीसद नीचे जा चुके हैं।
शुक्रवार को कंपनी का शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर चला गया।
एक अक्टूबर 2018 को इस स्टॉक की कीमत 634 रुपये थी, जो 18 जनवरी 2019 को कम होकर 390.75 रुपये हो गई। यानी अक्टूबर के बाद से इस स्टॉक की कीमतों में करीब 36 फीसद से अधिक की गिरावट आई है, जबकि इस दौरान सेक्टर ने जहां करीब 9 फीसद का गोता लगाया वहीं सेंसेक्स में भी आधा फीसद से अधिक की गिरावट आई।
क्या है शिकायत?
खबरों के मुताबिक 2014 से 2017 के बीच आदित्य मेडिसेल्स ने सुरक्षा रियल्टी के साथ 5,800 करोड़ रुपये का लेन-देन किया, जिसका नियंत्रण सन फार्मा के को-प्रोमोटर सुधीर वालिया के पास है। एक व्हिसलब्लोअर ने फिर से सेबी के पास 172 पृष्ठों वाली नई शिकायत भेजी है। कंपनी पहले से ही कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़ी शिकायतों का सामना कर रही है।
दिसंबर 2018 में सबसे पहले व्हिसलब्लोअर ने कंपनी प्रोमोटर दिलीप सांघवी और ब्रदर-इन-ला सुधीर वालिया के खालिफ धर्मेश जोशी के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था। दोषी कथित रूप से 2001 में सामने आए केतन पारेख घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं।

सन फर्मा के शेयरों में आई गिरावट का असर सन फार्मा एडवांस्ड रिसर्च कंपनी पर भी दिखा। शुक्रवार के कारोबार में कंपनी का शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर चला गया।

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