अमेरिका की ट्रंप सरकार पाकिस्तान संसद के उपाध्यक्ष को वीजा देने से इन्कार

अमेरिका की ट्रंप सरकार ने बड़ा झटका देते हुए पाकिस्तानी संसद सीनेट के उपाध्यक्ष मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को वीजा देने से इन्कार कर दिया है।

अमेरिका की ट्रंप सरकार पाकिस्तान संसद के उपाध्यक्ष को वीजा देने से इन्कार

हैदरी को संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में 13-14 फरवरी को आयोजित अंतर संसदीय संघ की बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका जाना था। उन्हें बैठक में दो सदस्यीय सीनेट के दल का नेतृत्व करना था।

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हैदरी पाकिस्तान की प्रमुख इस्लामी पार्टियों में शुमार जमायत उलेमा इस्लाम के महासचिव हैं। सरकारी यात्रा की बाबत मांगी गई वीजा परमीशन को अमेरिका अनिश्चित काल के लिए लंबित रखा है। तकनीक तौर पर इसे आवेदन को रद करना माना जाता है।

हैदरी के साथ जाने वाले सीनेटर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सलाहुद्दीन तिरमिजी को अमेरिका यात्रा का वीजा दे दिया गया है लेकिन उन्हें भी वीजा दो दिन पहले ही मिला है।

अब सीनेट के अध्यक्ष राजा रब्बानी ने संयुक्त राष्ट्र का यह दौरा रद कर दिया है। उन्होंने अमेरिकी सरकार के कदम को गंभीरता से लेने की बात भी कही है।

उन्होंने पाकिस्तान के संसद सचिवालय को किसी अमेरिकी प्रतिनिधि के साथ फिलहाल कोई व्यवहार नहीं करने के लिए कहा है। अमेरिकी प्रशासन का यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप के 27 जनवरी के उस आदेश के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगाया था।

हालांकि कोर्ट के आदेश से इन लोगों को फिलहाल राहत मिल गई है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने पाकिस्तान के संबंध में पूछे जाने पर उसके नागरिकों पर भी ऐसा ही प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव लंबित होने के संकेत दिये थे।

पाकिस्तान के अंग्र्रेजी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक सीनेट सचिवालय ने दोनों सांसदों को वीजा अनुमति दिये जाने का आवेदन दो सप्ताह पूर्व दिया था।

यात्रा से दो दिन पहले जब सचिवालय के अधिकारियों ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास का रिकॉर्ड चेक किया तो पाया कि हैदरी को वीजा अनुमति नहीं मिली है। जाहिर है अमेरिका के काफी नजदीक रहे पाकिस्तान को ट्रंप प्रशासन के इस कदम से बड़ा झटका लगा है।

 

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