लखनऊ: नगर निगम की ‘स्पॉट फाइन योजना’ हुई फेल, गंदगी करने वालों के खिलाफ बने थे ये नियम

लखनऊ. राजधानी में सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी करने वालों के खिलाफ नगर निगम ने अभियान चलाने का फैसला किया था। इसको लेकर नगर आयुक्त ने स्पॉट फाइन योजना लागू की थी। इस पर सख्ती से काम करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था। इस योजना को चलाने के लिए सभी जोनल अधिकारियों ने अपने-अपने जोन में टीम गठित की थी। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ और अधिकारियों के लापरवाही से यह योजना सफल नहीं हो पा रही है।8 दुकानों से वसूला था 40 हजार का जुर्माना…लखनऊ: नगर निगम की 'स्पॉट फाइन योजना' हुई फेल, गंदगी करने वालों के खिलाफ बने थे ये नियम

– शुरूआती दिनों में नगर निगम के अधिकारियों ने इसमें काफी दिलचस्पी दिखाई थी। लालबाग इलाके में सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वाली 8 दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इनके खिलाफ 5-5 हजार का जुर्माना वसूला गया। जिससे 40 हजार रुपए नगर निगम के राजस्व में जमा हुए थे।
– लेकिन बाद में इस योजना को लेकर नगर निगम के अधिकारियों ने लापरवाही शुरू कर दी थी। नतीजा यह है कि नगर निगम के लालबाग स्थित हेड ऑफिस के पास ही गंदगी का अम्बार रहता है। ऑफिस के आसपास चलने वाले तमाम होटल सड़क तक गंदगी फैलाए रहते हैं।

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निगम के अफसरों पर लगा पक्षपात का आरोप

– सभी होटल संचालकों और दुकानदारों को गंदगी न फैलाने और अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई थी। दुकानदारों का आरोप है कि नगर निगम ने कार्रवाई के दौरान लालबाग स्थित एक रेस्टोरेंट से जुर्माना नहीं वसूला था। इसलिए निगम की कार्रवाई के दूसरे दिन भी इस रेस्टोरेंट के द्वारा फुटपाथ पर अतिक्रमण और गंदगी मिली थी।”
– इसे लेकर आसपास के दुकानदारों ने कार्रवाई पर सवाल उठाया। वहीं, नगर निगम के अफसरों का कहना है कि मौके पर जो अतिक्रमण पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया।

ये है स्पॉट फाइन का नियम

– नगर निगम क्षेत्र में कोई भी सरकारी कर्मचारी, दुकानदार, व्यक्ति और संस्थान जितनी बार स्वच्छता नियमों को तोड़ेगा, उससे उतनी बार जुर्माना वसूला जाएगा। नगर निगम की तरफ से सबके लिए अलग-अलग जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया था।
– नगर निगम द्वारा अधिकृत (ईकोग्रीन एनर्जी) डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्ट करने वालों को कूड़ा न देने पर एक हजार रुपए जुर्माना राशि वसूली जाएगी।
– स्ट्रीट वेंडर्स द्वारा डस्टबिन न रखने और दुकान से निकले कूड़े को सड़क पर ही छोड़ देने पर जुर्माना राशि एक हजार रुपए निर्धारित की गई थी ।
– कूड़े को सार्वजनिक स्थान, नाला-नाली और तालाब-नदी में फेंकने पर जुर्माना राशि 5 हजार रुपए थी। सार्वजनिक क्षेत्रों में कूड़ा जलाने पर जुर्माना राशि पांच हजार रुपये थी। खुले में शौच करने पर जुर्माना राशि एक हजार रुपये वसूली जाएगी।
– सेप्टिक टैंक से क्लीनर मशीनों द्वारा एकत्रित सीवेज को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज पंपिंग स्टेशन के अतिरिक्त अन्य सार्वजनिक स्थलों, नालों और नदियों में डालने पर जुर्माना राशि 10 हजार रुपए थी ।
– बिल्डिंग मैटेरियल, मलबा सार्वजनिक स्थल और सड़क पर डालने पर जुर्माना राशि 50 हजार रुपये तय की गई है। वहीं, सामान जब्त करने का भी प्रावधान है।

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क्या कहते हैं अधिकारी

– अपर नगर आयुक्त नंदलाल सिंह ने बताया कि ” स्पॉट फाइन योजना में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। किसी के साथ भी पक्षपात नहीं किया जाएगा। गंदगी करने वालों से नियमानुसार जुर्माना वसूला जाएगा।”

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