…तो इसलिए औरतों को होता है पीरियड्स और मंदिर जाने पर लगती है पाबंदी

जब भी औरतों को पीरियड्स या मासिक धर्म की बात होती है तो उन्हें ये वरदान और अभिशाप दोनों लगता है। वरदान इसलिए की इसी से वह संसार में नए जीवन को लाती हैं और अभिशाप इसलिए क्योंकि इन दिनों में बहुत दर्द और तकलीफ होती है औऱ कई बार मन अशांत भी होता है। अक्सर महिलाएं यह सवाल करती हैं कि आखिर महिलाओं को ही यह दर्द झेलना पड़ता है। महिलाओं को मिले इस दर्द के पीछे एक पौराणिक कथा है।

इंद्र ने की थी ब्रह्म हत्या

बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना गया है। एक बार बृहस्पति इंद्र से नाराज हो गए। इसके चलते असुरों ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया। इंद्र ने घबरा कर अपनी गद्दी छोड़ दी और वहां से भागने लगे।

असुरों के अत्याचार से खुद को बचाने के लिए इंद्र भगवान ब्रह्मा के शरण में पहुंचे। ब्रह्मा ने कहा कि उन्हें एक ब्रह्मज्ञानी की सेवा करनी चाहिए और अगर वह प्रसन्न हो जाए तो इंद्र को उनकी गद्दी मिल जाएगी। ब्रह्मा के कहे अनुसार इंद्र ने ब्रह्म ज्ञानी की सेवा करनी शुरु कर दी। उस ज्ञानी की माता एक असुर थी और उसके मन में असुरों के लिए विशेष स्थान था। इंद्र देव इस बात से अनजान थे कि वह जिसकी सेवा में लगे हैं वह असुरों को पूजता है।

इंद्र देव उसे जो हवन सामाग्री अर्पित करते उससे वह असुरों को चढ़ा देता। देवातओं को मिलने वाली चीच असुरों को मिल रही थी। यह जानते हुए कि उनकी सारी सेवा भंग हो रही है उन्होंने क्रोध में ब्रह्म ज्ञानी की हत्या कर डाली।

गुरु की हत्या करना महापाप होता है और इंद्र देव को ब्रह्म हत्या का पाप पढ़ गया। इस पाप ने एक भयानक राक्षस का वेश धर लिया और इन्द्र देव का पीछा करने लगा। इंद्र देव ने अपने आप को बचाने के लिए एक फूल के अंदर छूपा लिया और एक लाख साल तक भगवान विष्णु की पूजा की।

इंद्र से मिला श्राप

भगवान विष्णु इंद्र देव की तपस्या से प्रसन्न हो गए।उन्होंने इंद्र देव को बचाया,लेकिन कहा कि उन्हें अपने पाप का अंश थोड़ा थोड़ा देना होगा। जिसको भी यह अंश मिलेगा उसे साथ में एक वरादन भी देना होगा।इसके लिए उन्होंने पेड़, जल, भूमि और स्त्री को चुना औऱ श्रापित किया, लेकिन साथ ही वरदान भी दिया।

पेड़ को जब पाप का अंश मिला तो इंद्र देव ने उसे वरदान दिया कि तुम अपने आप को स्वयं जीवित कर सकोगे।इसके बाद जल ने पाप लिया तो इंद्र ने वरदान दिया कि तुम्हारे उपयोग से ही सारी गंदगी साफ होगी और पूजा में तुम्हारा उपयोग जरुर होगा।

 

इसके बाद इंद्र ने भूमि को पाप के साथ वरदान दिया कि उस पर आई कोई भी चोट भर जाएगी। जब स्त्री को पाप मिला तो उसे मासिक धर्म का दर्द का झेलना पड़ा, लेकिन इंद्र ने साथ ही वरदान दिया की स्त्रियां पुरुषों की अपेक्षा काम या रति का ज्यादा आनंद लेंगी। इसके बाद से ही स्त्रियों के मासिक धर्म की शुरुआत हुई।

औरतों को पीरियड्स के वक्त में मंदिर जाने के लिए इसलिए मना किया जाता है क्योंकि मासिक धर्म के समय में वह गरु हत्या का पाप ढो रही होती हैं। इसके चलते उन्हें मंदिर जाने को मनाही होती है।

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