डॉ आशीष के हौसले को सलाम : हौसलों में इतनी ताकत होती है की वो चट्टानो को भी धराशायी कर दे

डॉ आशीष के हौसले को सलाम. कहते है की हौसलों में इतनी ताकत होती है की वो चट्टानो को भी धराशायी कर देती है, ठीक उसी हौंसले और संकल्प को चरितार्थ कर रहे है फैजाबाद अयोध्या के रहने वाले युवा समाजसेवी डॉ आशीष पाण्डेय दीपु .

डॉ आशीष पाण्डेय दीपु

फैजाबाद अयोध्या में ये नाम अब पहचान का मोहताज नही, पिछले 4वर्षों से चाहे गरीब हो चाहे अमीर हर वर्ग में अपने कार्यों से दिलों में जगह बनाने वाले डॉ आशीष पाण्डेय दीपू बचपन से ही समाजवादी माहौल में पले बढे.पिता जय शंकर पाण्डेय डॉ लोहिया और जनेश्वर मिश्र जी के पदचिन्हो पर चलकर आजीवन समाजवाद का झंडा बुलंद करते रहे तो पुत्र ने विरासत में मिली समाजवादी परम्परा पर कभी प्रश्नचिन्ह नही खड़ा होने दिया.

डॉ आशीष पाण्डेय दीपु

अपने पिता जय शंकर पाण्डेय के बताये हुए रास्ते पर चलकर आज डॉ आशीष पाण्डेय फैजाबाद अयोध्या के हर असहाय और ज़रूरतमंद की आँखो का तारा बन चुके है.पिछले 4 वर्षों से डॉ आशीष पाण्डेय का लिया हुआ संकल्प इस वात की सच्चाई बया करने के लिये काफी है की जैसे ही किसी असहाय इंसान को रक्त की ज़रूरत होती है वो तत्काल डॉ आशीष से सम्पर्क करता है और वो भी फौरन अपने साथियों के साथ पहुँच जाते है उस असहाय की मदद करने.अगर कोई भूखा हो और डॉ आशीष की नज़र उस भूखे पर पड़ जाये तो जब तक उसके भोजन की व्यवस्था ना हो वो आगे नही बढ़ते.

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समाज सेवा का आलम ये है की इन दिनो डॉ आशीष अखिलेश यादव का 45दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम 1जुलाई से मना रहे है जो 14अगस्त 2017 तक चलेगा.इतने लम्बे समय तक चलने वाले जन्मोत्सव कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबों और असहायों की सेवा की जाती है.डॉ आशीष की दीवानगी कहो या हौंसला 18 जुलाई को माईवाढा अयोध्या में बुजुर्गो और असहायों को भोजन वितरण करवा रहे थे उधर गर्भवती पत्नी को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा,अयोध्या से कार्यक्रम ख़त्म करने के बाद जब अस्पताल पहुँचे तो डॉ ने तुरंत आपरेशन करने को कहा,सारा परिवार सकते में आ गया पर आपरेशन तत्काल ज़रुरी था.

आपरेशन हुआ और बेटा पैदा हुआ.पूरे परिवार में खुशी का माहौल हो गया तभी पता चला की बच्चे की तबियत खराब है, बच्चे को साँस लेने में तकलीफ है और तुरंत लखनऊ भर्ती करवाना पड़ेगा ,कारण पता चला की पत्नी को सूबह से दर्द था और डॉ आशीष माईवाढा में वृध्दों और असहायों को भोजन करवा रहे थे.आज 23 तरीख तक बच्चे को वेंटीलेटर पर रखा गया तब जाकर बच्चे की जान बच सकी.इधर बच्चा दिन रात सेहतमंद होने के लिये लढायि लड़ रहा और उधर डॉ आशीष से फैजाबाद में एक ऐक्सीडेंट में घायल के लिये कोई रक्त माँग रहा तो कोई अपनी बीमार माँ के लिये रक्त माँग रहा ,पर दाद देनी पड़ेगी ऐसे इंसानियत की मिशाल और मजबूत हौसलों वाले समाजसेवी डॉ आशीष को जिन्होंने समाजसेवा के दृढ़संकल्प को साकार करने के लिये अपना परिवार दाँव पर लगा दिया .

अखिलेश यादव को अपना आदर्श मानने वाले डॉ आशीष जैसे नवजवानों के कारण ही विरोधी भी शायद अखिलेश यादव के आगे नतमस्तक हो जाते है तभी तो राज्यपाल रामनायिक जी भी अखिलेश यादव की प्रशंसा करते नही थकते.ऐसे दृढ़ संकल्प वाले समाजसेवी डॉ आशीष पाण्डेय दीपू के हौंसले को सलाम !!

-रंजीत गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार 

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