जानिए…दिसंबर महीने के दूसरे हफ्ते के प्रमुख व्रत और त्योहार

प्रदोष व्रत का बहुत महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की उपासना की जाती है। यह व्रत हिंदू चंद्रमास के 13वें दिन आता है। कहते है इस दिन व्रत करने वाले लोगों को दो गायों का दान करने के बराबर फल मिलता है। प्रदोष में व्रत और पूजा-पाठ करने से इंसानों को पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन शंकर भगवान के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है।

11 दिसंबर 2019, बुधवार समुदाय के लिए रोहिणी व्रत का विशेष महत्व होता है। ह व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र के लिए किया जाता है। यह व्रत रखने से मां रोहिणी जातक के घर से कंगाली को दूर भगाकर सुख एवं समृद्धि की वर्षा करती हैं।

12 दिसंबर 2019, गुरुवारपूर्णिमा व्रत सनातन धर् ज्योतिष शास्त्र में तिथियों का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि मनुष्यों पर विशेष प्रभाव डालती है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक साल में 12 पूर्णिमा और 12 अमावस्या आती हैं। प्रत्येक महीने के 30 दिन को चन्द्र काल के अनुसार 15-15 दिन के दो पक्षों में विभाजित किया गया है। एक पक्ष को शुक्ल पक्ष तो दूसरे पक्ष को कृष्ण पक्ष में बांटा गया है। जब शुक्ल पक्ष चल रहा होता है उसके अन्तिम दिन यानी 15वें दिन को पूर्णिमा कहते हैं वहीं जब कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन होता है तो वह अमावस्या होती है।

पूर्णिमा वाले दिन चांद अपने पूरे आकार में होता है। यानी जिस दिन आकाश में चंद्रमा अपने पूरे आकार में दिखाई देता हो उस दिन पूर्णिमा होती है। पूर्णिमा प्रत्येक महीने में एक बार जरूर आती है। धर्म ग्रंथों में  पूर्णिमा को विशेष लाभकारी और पुण्यदायी होती है। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और व्रत रखने की परंपरा होती है।

15 दिसंबर 2019, रविवार
चतुर्थी व्रत

संकष्टी चतुर्थी की पावन तिथि पर देवता भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती हैं। इस दिन बुद्धि, समृद्धि, सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करने वाले गणपति की पूजा का अत्यधिक महत्व है। भगवान श्री गणेश की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति की साधना-उपासना और व्रत करने पर साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे शुभ फल प्राप्त होते हैं।

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