जहर खा के इस छात्रा ने मरते-मरते भी दे दी दो लोगो को जिंदगी
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सफ्दरजंग अस्पताल में यूरोलोजी और रीनल ट्रांसप्लांट के हेड प्रोफेसर डॉ. अनूप कुमार कहते हैं, शायद यह दुनिया का पहला मामला है जब किसी ने अपनी जिंदगी को खत्म करने के लिए जहर खाया हो और उसके अंग का प्रत्यारोपण किया गया हो।
शकुंतला की किडनी जिस 39 वर्षीय महिला को दी गई उसकी तीन साल पहले किडनी फेल हो गई थी और वो डायलिसिस पर थी। वह दो साल से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकती थी। लेकिन किडनी प्रत्यारोपण के बाद अब वह अपनी पूरी जिंदगी जी सकती है।
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अंग दान करने के मामले में अव्वल स्पेन है जहां दस लाख लोगों पर 34 से अधिक लोग अंगदान करते हैं। वहीं फ्रांस, इटली और अमेरिका में भी अंगदान करने वालों की संख्या काफी है। भारत में हर दिन नेशनल ऑर्गेन एंड टिशू ट्रांसप्लांटेशन ऑरगेनाइजेशन की वेबसाइट से करीब 1407 और फोन पर 61 लोग अंगदान की जानकारी लेते हैं। लेकिन अंगदान के मामले में अभी भी भारत पिछड़ा हुआ है।