अब इस चमत्कारी चप्पल से पूरी होगी आपकी हर मनोकामना, बस देनी होगी गंदी-गंदी…

दुनिया में कई ऐसी जगह है जहां के बारे में ये कई बाते प्रचलित है. आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बता रहे हैं जिसे किसी चमत्कारी जगह से कम नहीं माना जाता है. ये जगह हरियाणा के पानीपत में है जिसका नाम कपालमोचन है. कपालमोचन एक ऐसी जगह है जहां पर आस्था और नफरत दोनों ही देखने को मिलती है. यहां पर एक गुरुद्वारा है जहां पर पहले तो श्रद्धालु शीष झुकाते हैं और फिर वहीं से 10 कदम की दूरी पर राजा जरासंध का टीला है जहां पर लोग ना केवल जूते, चप्पल मारते हैं बल्कि गंदी-गंदी गालियां भी देते हैं.

जी हां… हालांकि इस जगह पर पहुंचना थोड़ा कठिन है क्योंकि यहां पर जाने के लिए आपको पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है इसके लिए या तो आटो का सहारा लेना होगा या फिर पैदल ही जाना होगा. दरअसल इस जगह पर जाने के रास्ता बहुत कठिन है. हालांकि मेले के दौरान यहां पर लोगों की आवाजाही रहती है, लेकिन मेला खत्म होते ही यह जगह वीरान होने लगती है. इस जगह की ये खासियत है कि गुरु गोबिंद सिंह भंगियानी का युद्ध जीतने के बाद कपालमोचन ही आए थे और फिर उन्होंने यहां पर अपने सभी अस्त्र-शस्त्र धोए थे. कपालमोचन जगह को सिंधू वन के नाम से भी जाना जाता है.

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यहां मौजूद एक गुरुद्वारे के दाई तरफ मिट्टी का बहुत ऊंचा टीला बना है. ऐसा कहा जाता है कि यहां कभी राजा जरासंध का महल हुआ करता था, लेकिन एक सती द्वारा दिए गए श्राप के कारण उसका यह किला मिट्टी में तब्दील हो गया था. इसके बाद राजा राज्य में होने वालीसभी शादियों की डोली लूटकर ले आता था और फिर नई नवेली दुल्हनों की इज्जत से खेलता था. राजा की इस हरकत के कारण जनता बड़ी परेशान थी. फिर एक सती ने अपने तप से इस महल को भस्म कर दिया. इसके बाद से ही आज तक लोग यहां पर जूते-चप्पल मार कर गाली देने लग गए थे. कहा जाता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है.

 
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