घर के किचन में इन चीज़ों को रक्खे छिपा कर, होगी धन की बरसात

दोस्तों जीवन में ऊंचाईयां छूने के लिए शरीर का स्वस्थ्य होना जरूरी है और शरीर स्वस्थ्य तभी होगा जब उसे पौष्टिक भोजन मिलेगा. भोजन स्वादिष्ट, स्वच्छ और स्वास्थ्य के लिए हितकर बने, इसके लिए भवन में रसाई घर का वास्तु के अनुसार बना होना अति-आवश्यक है. रसोई घर को जितनी अधिक सकारात्मक उर्जा मिलेगी उतना ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा.

घर के किचन में इन चीज़ों को रक्खे छिपा कर, होगी धन की बरसातरसाई घर में कौन सी वस्तु कहां पर रखनी चाहिए !

रसाई घर में कौन सी वस्तु कहां पर रखनी चाहिए जिससे हमें सकारात्मक उर्जा का अधिक से अधिक लाभ मिल सकें. भारत में ऐसी बहुत सारी परंपराएं और ज्ञान प्रचलन में था, जो अब लुप्त हो गया है या जो अब प्रचलन से बाहर है. परंपरागत ज्ञान या परंपरा का महत्व ही कुछ और था. ये परंपराएं व्यक्ति को हर तरह की बाधाओं से मु‍क्त रखने के लिए होती थीं.

लेकिन अब ये प्रचलन में लगभग बाहर हो चली हैं. घर में फालतू का सामान बहुत होता है और छूट जाती है. वे जरूरी वस्तुएं जो हमारे जीवन में संकट के दौरान काम में आती है. आधुनिक युग में व्यक्ति उन वस्तुओं पर ज्यादा आश्रित हो गया है जो विज्ञान के द्वारा जन्मी है. पर उन वस्तुओं के अभाव में व्यक्ति खुद को पंगु महसूस करने लगता है.

भगवान शिव गृहस्थ हैं एवं पार्वती उनकी गृहस्थी !

ऐसी मान्यता है कि अन्न लक्ष्मी एक तरह से माँ जगदम्बे का ही दूसरा रूप हैं. माँ जगदम्बे ने ही पूरे संसार का संचालन किया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव गृहस्थ हैं एवं पार्वती उनकी गृहस्थी चलाती हैं. दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर मार्गशीर्ष महीने में माँ अन्नपूर्णा का व्रत रखा जाए तो इससे आपकी हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

इतना ही नहीं बल्कि, बड़े बड़े विज्ञानी भी माँ अन्नपूर्णा की शक्ति का नजारा देख चुके हैं और उन्हें मानते भी हैं. इस महीने में किये गये व्रत और खान पान से इंसान के शरीर में बिमारियों से लड़ने की ताकत बड जाती है और उन्हें एक शक्तिशाली युवा बनाती है.  दोस्तों अगर माँ अन्नपूर्णा की पूजा सच्चे दिल से की जाए तो उनकी कृपा आपके ऊपर सदा बनी रहेगी और कभी भी धन और अन्न की कमी नहीं होने देगी.

क्योंकि माँ अन्नपूर्णा की कृपया से संसार में कोई भी प्राणी भूखा नहीं मर सकता. सबसे पहले आप किसी शिवालय मंदिर जायें और वहां पार्वती की पूजा आरम्भ करें. इसके बाद मंदिर में आप गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, मेहंदी चढ़ाएं और सफ़ेद फूल चढ़ाएं. इसके इलावा प्रशाद में धनिये की पंजीरी का भोग लगवा लें. अब आपको अन्नपूर्णा के मंत्रो का जापन होगा. आंखें बंद करके अन्नपूर्णा के मंत्र-“ह्रीं अन्नपूर्णायै नम” का जाप करें.

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