अभी-अभी: अब कश्मीर पर प्लान पक्का कर चुकी है मोदी सरकार?

बंटवारे के बाद से ही कश्मीर भारत-पाकिस्तान के लिए रिश्तों में खटास और विवाद का मुद्दा रहा है. देश से लेकर राज्य में सत्ता परिवर्तन हुए, लेकिन हालात आज भी काबू में नहीं हैं. 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी तो कश्मीर नीति पर सख्ती के संकेत मिले. हालांकि पिछले कुछ वक्त में कश्मीर के हालात काफी तनावपूर्ण हैं. पत्थरबाजी की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में मोदी सरकार की कश्मीर नीति को लेकर भी विपक्षी खेमे सवाल उठाने लगे हैं. जिसके बाद मोदी सरकार और सेना की तरफ से कश्मीर को लेकर सख्त रणनीति के संकेत मिल रहे हैं.

अभी-अभी: अब कश्मीर पर प्लान पक्का कर चुकी है मोदी सरकार?

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मोदी सरकार की सख्त नीति के 10 संकेत

1. गृहमंत्री राजनाथ की प्रतिज्ञा
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर समस्या को हल करने का दावा किया है. उन्होंने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि मोदी सरकार कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान निकालेगी और इसके लिए उनका प्लान तैयार है.

2. पहली बार आर्मी चीफ का सख्त बयान
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पहली बार सीधे तौर पर कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों पर अटैक किया है. उन्होंने एक इंटरव्यू में पत्थरबाजों को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि वो पत्थर की जगह हथियार चलाएं, ताकि मैं जो करना चाहूं वो कर सकूं.

साथ ही उन्होंने कहा कि जब पत्थर और बम फेंके जाएंगे तो मैं अपने जवानों से केवल इंतजार करने और मरने के लिए नहीं कह सकता. आर्मी चीफ ने पत्थरबाजों से निपटने के लिए मानव ढाल बनाने के कदम को भी सही ठहराया.

कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए एक युवक को जीप से बांधकर ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले मेजर लितुल गोगोई का सेना ने सम्मान किया. सेना ने अपने इस कदम से न सिर्फ पत्थरबाजों के इरादों को पस्त करने की दिशा में एक कदम उठाया बल्कि जवानों का भी हौसला बढ़ाया.

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गोगोई के अलावा कश्मीर निवासी लेफ्टिनेंट उमर फयाज की शहादत के बाद घाटी के नौजवानों को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की गई. सेना ने घाटी में एक स्कूल का नाम बदलकर शहीद लेफ्टिनेंट उमर फयाज के नाम पर रखा, साथ ही उनके परिवार को 75 लाख रुपये का चेक दिया गया.

जून, 2016 में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन में हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय और टॉप कमांडर बुरहान वानी को ढेर किया. जिसके बाद घाटी में तनाव की स्थिति पैदा हो गई और पत्थरबाजी की घटनाओं में तेजी आ गई. वानी के बाद अब 27 मई त्राल में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर सब्जार अहमद भट को भी सेना ने मार गिराया. सब्जार बुरहान वानी के बचपन का दोस्त था और उसे बुरहान के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया जाता था.

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5. कश्मीर पर बात नहीं करना
मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ ‘आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते’ की नीति को अपनाया. कश्मीर मसले पर भारत पाकिस्तान से बातचीत के न्यौते भी ठुकरा चुका है.

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