आईटी कंपनी इन्फोसिस को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4,466 करोड़ रु. का हुआ मुनाफा

बेंगलुरु। देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4,466 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। यह तिमाही आधार पर 10.6% और सालाना आधार पर 23.7% ज्यादा है। रेवेन्यू 23,092 करोड़ रुपए रहा। यह जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले 2% और 2018 की दिसंबर तिमाही की तुलना में 7.9% अधिक है। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए रेवेन्यू आउटलुक बढ़ाकर 10-10.5 फीसदी कर दिया है। अक्टूबर में 9-10 फीसदी का आउटलुक था। इन्फोसिस ने शुक्रवार को तिमाही नतीजे घोषित किए।
इन्फोसिस के सीईओ और एमडी सलिल पारेख ने कहा- तीसरी तिमाही के नतीजे बताते हैं कि क्लाइंट्स से जुड़े मामलों और उनके साथ जुड़ाव की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इससे पिछले एक साल में डबल डिजिट ग्रोथ हासिल हुई, इसलिए हमने रेवेन्यू गाइडेंस बढ़ाया।
सीओओ प्रवीण राव ने कहा कि बड़ी डील हासिल करने का सिलसिला जारी है। ऐसी डील की ग्रोथ इस साल 56% रही। कंपनी के दिसंबर तिमाही में 1.8 अरब डॉलर की डील साइन की। कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की दर (एट्रिशन रेट) में कमी आई है। इससे पता चलता है कि कर्मचारियों की बेहतरी के हमारे प्रयासों का असर हो रहा है। बता दें दिसंबर तिमाही में एट्रिशन रेट 19.6% रही। जुलाई-सितंबर में 21.7% और 2018 की दिसंबर तिमाही में 19.9% थी। कंपनी ने दिसंबर तिमाही में 6,968 नए कर्मचारी जोड़े। कर्मचारियों की कुल संख्या 2 लाख 43 हजार 454 हो गई है। इनमें 37.8% महिला कर्मचारी हैं।
सीईओ, सीएफओ को क्लीन चिट
इन्फोसिस ने शुक्रवार को कहा कि सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय के खिलाफ आरोपों के कोई सबूत नहीं पाए गए। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ऑडिट कमेटी को व्हिसलब्लोअर के आरोपों का कोई आधार नहीं मिला। बता दें शिकायकर्ता ने आरोप लगाए थे कि पारेख और रॉय ने कंपनी का मुनाफा ज्यादा दिखाने के लिए अकाउंटिंग के तरीकों में हेर-फेर किया था।
इन्फोसिस के शेयर में 1.5% बढ़त
बीएसई पर शेयर 1.47% बढ़त के साथ 738.25 रुपए पर बंद हुआ। एनएसई पर 1.71% ऊपर 740 रुपए पर क्लोजिंग हुई। कंपनी ने तिमाही नतीजों और ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट की जानकारी शेयर बाजार बंद होने के बाद दी। इसलिए, शेयर पर असर सोमवार को दिखेगा।

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