अटल का नजदीकी रहा ये शख्स, अब मोदी सरकार के निशाने पर

जुबिली स्पेशल डेस्क
बीते कुछ सालों से मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अरूण शौरी पर लक्ष्मी विलास पैलेस होटल के निजीकरण मामले में शिकंजा कसता नजर आ रहा है। दरअसल इस मामले में जोधपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और चार अन्य लोगों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
पूरा मामला राजस्थान के उदयपुर में मौजूद होटल लक्ष्मी विलास पैलेस के निजीकरण से जुड़ा है लेकिन रोचक बात यह है कि पहले इस मामले में उनका नाम शामिल नहीं था। अब जब एफ़आईआर दर्ज हो गई थी हर कोई हैरान है।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा कि असल में जो भी लोग कमल छाप साबुन से धुल जाते हैं वो सच्चे और इमानदार हो जाते हैं लेकिन जो लोग भाजपा के खिलाफ बोलते हंै सरकार उनकी आवाज को दबाने की कोशिश करती है।
उन्होंने कहा कि अरूण शौरी पर जो एफ़आईआर हुई वो राजनीति से प्रेरित है। सुरेंद्र राजपूत कहते हैं कि बीजेपी अरूण शौरी व यशवंत सिन्हा जैसे बड़े नेताओं को परेशान और प्रताडि़त करने का काम कर रही है। उन्होंने एफ़आईआर पर कहा कि जब शुरू में उनका नाम नहीं था लेकिन जब उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला तब वो सरकार के निशाने पर आ गए।
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क्या था पूरा मामला
वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। जोधपुर में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 2002 में सरकार द्वारा संचालित होटल में कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में अरुण शौरी, पूर्व विनिवेश सचिव प्रदीप बैजल और तीन अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
अटल से रही है शौरी की नजदीकियां
एक वक्त था जब अरूण शौर बीजेपी के भरोसेमंद चेहरे माने जाते थे लेकिन ये बीते दौर की बात है। जब अटल और आडवानी की बीजेपी में चलती थी। हालांकि मोदी के दौर में उनको अलग-थलग कर दिया गया था। इतना ही नहीं खुद अरूण शौर के निशाने पर मोदी सरकार रही है।
अब मोदी सरकार के खिलाफ खोल रखा मोर्चा
कई मौकों पर उन्होंने मोदी सरकार को अपने रडार पर लिया है। हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी नजदीकी किसी से नहीं छुपी है लेकिन मोदी के खिलाफ उनके बगावती तेवरों ने बीजेपी को भी टेंशन में ला दिया। उन्होंने नवंबर 2016 को अचानक घोषित हुई नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था और नोटबंदी को पैसे की सबसे बड़ी धांधली’ बताया था। शौरी यही नहीं रूके थे उन्होंने कहा था इससे काला धन सफेद करने वालों को मौक़ा मिला है।
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मोदी को समर्थन देने उनका फैसला गलत था
इतना ही नहीं उन्होंने अक्टूबर 2017 में मोदी को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि जिंदगी में दो गलती की थी। एक गलती यह थी कि उन्होंने पीएम के तौर पर मोदी को समर्थन किया था। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्रीगण अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा मोदी सरकार के सबसे प्रखर आलोचकों में से एक बन गए थे लेकिन अरुण शौरी जब बीमार पड़े तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे पहुँच उनका हालचाल जानकार सबको चौंका दिया था।

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