अगर आप हमेशा के लिए शारीरिक रोगों से पाना चाहते हैं छुटकारा तो जरुर जाएं इस मंदिर…

हिंदू धर्म में शीतला माता का बहुत महत्व है। प्राचीन समय से बा्की देवी-देवताओं की ही तरह शीतला माता को काफी प्रसिद्धि प्राप्त है। मान्यताओं के अनुसार इनका वाहन गधा है और इन्होंने हाथों में कलश, सूप, झाड़ू और नीम के पत्ते धारण किए हुए हैं। इन्हें चेचक की देवी बताया गया है। बता दें कि चेचक को आम भाषा में स्मालपोक्स यानि चिकनपोक्स कहा जाता है। यही कारण है कि मां शीतला त्वचा-रोग, रक्त संक्रमण आदि जैसे रोगों से राहत प्रदान करती हैं। तो आज जानते हैं शीतला माता के एक ऐसे मंदिर के बारे में, जहां लोग दूर-दूर से शारीरिक रोगों से राहत पाने आते हैं। अगर आप हमेशा के लिए शारीरिक रोगों से पाना चाहते हैं छुटकारा तो जरुर जाएं इस मंदिर...

शीतला माता का ये मंदिर गुड़गांव में स्थित है। देशभर से श्रद्धालु यहां मन्नत मांगने आते हैं। गुड़गांव का शीतला माता मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां साल में दो बार मेला लगता है इसके साथ ही नवरात्रों के दिनों में यहां भक्तों की बहुत भीड़ उमड़ती है। 

आपको बता दें कि माता के इस मंदिर की कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि महाभारत के समय में भारतवंशियों के कुल गुरु कृपाचार्य की नगरी गुड़गांव में उनकी पत्नी शीतला देवी के रूप में शीतला माता की पूजा होती थी। लगभग 500 सालों से यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां पर देश के कोने-कोने से लोग पूजा-पाठ के लिए आते हैं। 

मान्यता के अनुसार यहां पूजा करने से शरीर में निकलने वाले दाने जिसे हम चिक्नपोक्स कहते हैं। कहा जाता है कि नए जन्में बच्चे का मुंडन भी इसी जगह पर करवाया जाता है। मान्यता है इससे बच्चे को शरीर से संबधित कोई रोग नहीं होता। हर साल एक माह तक चलने वाले इस मेले में मुंडन के लिए 60 लाख से अधिक लोग आते हैं। 

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