अगर आप भी चाहते हैं अपनी पत्नी की लंबी उम्र तो करवाचौथ नहीं ये व्रत है आपके लिए
वर्तमान समय में चातुर्मास चल रहा है, इन चार महीनों में हर महीने कृष्ण पक्ष की द्वितिया को अशून्य शयन व्रत किया जाता है। यह व्रत सावन के महीने से आरंभ होता है। भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया को इस व्रत को करने का विधान है। जैसे महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं वैसे ही अशून्य शयन व्रत है। शास्त्रों में कहा गया है जो पुरूष ये व्रत करते हैं उनकी पत्नी की उम्र लंबी होती है। विष्णुधर्मोत्तर के पृष्ठ- 71, मत्स्य पुराण के पृष्ठ- 2 से 20 तक, पद्मपुराण के पृष्ठ-24, विष्णुपुराण के पृष्ठ- 1 से 19 आदि पुराणों में ऐसा बताया गया है।
सक्सेसफुल मैरिड लाइफ एक सुरक्षा कवच की तरह होती है, जो पति-पत्नी दोनों को खुश रखती है। सुख-दुख में दोनों एक-दूसरे के साथ है, यह एहसास उन्हें कठिन से कठिन परिस्थिती में भी स्ट्रांग बनाए रखता है। हेमाद्रि और निर्णयसिन्धु में बताया गया है अशून्य शयन द्वितिया का व्रत वैवाहिक जीवन में एक कॉन्फ़िडेंस देता है, जिसके बल पर वे हर मुश्किल परिस्थिती का सामना करने के लिए भी रेडी रहते हैं।
अशून्य शयन द्वितीया के दिन महालक्ष्मी के संग श्री हरि विष्ण का पूजन किया जाता है। इस व्रत में पति को इस तरह प्रार्थना करनी चाहिए-
लक्ष्म्या न शून्यं वरद यथा ते शयनं सदा।
शय्या ममाप्य शून्यास्तु तथात्र मधुसूदन।।
अर्थात- हे वरद, जैसे आपकी शेषशय्या लक्ष्मी जी से कभी भी सूनी नहीं होती, वैसे ही मेरी शय्या अपनी पत्नी से सूनी न हो, यानि मैं उससे कभी अलग न रहूं, ऐसे प्रार्थना करें।
शाम को चांद निकलने पर चावल, दही और फलों से चन्द्रमा को अर्घ्य दें। तृतीया के दिन किसी ब्राह्मण को भोजन करवाकर उनका आशीष लेकर उन्हें कोई मीठा फल भेंट करें। इस व्रत को करने से आपका वैवाहिक जीवन हमेशा खुशियों के एहसास से भरा रहेगा, जिससे आपको पॉज़ीटिव इमोशन्स का अनुभव होगा और अभाव एवं परेशानियों से कोसों दूर रहेंगे आप।