‘मर्दानगी’ साबित करने के लिए गुजरना पड़ता है इन दर्दनाक परंपराओं से

दुनिया के विभिन्न देशों की संस्कृति, परंपराएं और रीति-रिवाज अनोखे हैं। लेकिन इन्हीं परंपराओं के बीच कुछ ऐसे रीति-रिवाज भी प्रचलित हैं, जो बेहद क्रूर हैं। इनमें से एक है पुरुषों को अपनी ‘मर्दानगी’ साबित करना। कई देशों में आज भी पुरुष को समाज में अपना प्रमुख स्थान बनाने के लिए स्वयं को शक्तिशाली दिखाना पड़ता है। इसके लिए ये विचित्र तरीके अपनाने पड़ते हैं।कई समाज के लोग तो बेहद क्रूर तरीके से अपने आपको ‘मर्द’ साबित करते हैं। हालांकि, कुछ तरीके अब इतिहास का हिस्सा भी हो चुके हैं। आज आप यहां दुनिया के कुछ देशों में ‘मर्दानगी’ साबित करने के नाम पर प्रचलित अजीबोगरीब रीति-रिवाजों के बारे में जान सकेंगे।

‘मर्दानगी’ साबित करने के लिए गुजरना

1. मैंडन टॉर्चर (Mandan Torture)

नॉर्थ डकोटा में मैंडन जनजाति में धार्मिक परंपरा है, जिसे ओकिपा कहा जाता है। इस उत्सव में लड़कों को टॉर्चर किया जाता है। यहां ‘मर्दानगी’ के टेस्ट देने के लिए उन्हें कई दिनों तक भूखा रहना होता है। इसके बाद उनके शरीर में स्क्रू लगाकर रस्सियों से लटकाया जाता है। जो सबसे अधिक देर तक लटकता है उसे मैंडन जनजाति के नेताओं में शामिल किया जाता है।

यहाँ है एक ऐसा गांव, जहाँ लडकियां शादी को तरसती है पर नही मिलता कोई मर्द

2.फुलानी जनजाति में कोड़ों की लड़ाई :

पश्चिमी अफ्रीका में फुलानी जनजाति में ‘मर्द’ बनने के लिए कोड़ों से लड़ाई होती है। इसमें चाकू और धारदार छड़ी का भी प्रयोग किया जाता है। जब हथियार तैयार हो तो अपने सामने वाले का सामना करना होता है। हर लड़के को तीन घूंसे मारे जाते हैं। जो सबसे अधिक बर्दाश्त करता है, उसे विजेता माना जाता है। इसका निर्णय आम जनता करती है। जो लड़के इस परीक्षा में पास नहीं होते हैं, उन्हें लड़के का दर्जा ही मिला रहता है।

3. 100 फीट की ऊंचाई से कूदना 

साउथ पैसफिक आइलैंड नेशन पेन्टेकॉस्ट में वैनाटू जाति के लड़कों को 100 फीट की उंचाई से कूदना होता है। वे अपने घुटनों को रस्सियों से बांधते हैं और ऊंचाई से कूदते हैं। रस्सियों के कारण वे जमीन से कुछ ऊपर रह जाते हैं। ऐसा करने में उन्हें काफी खतरा होता है। शरीर को काफी चोट भी लग जाती है और खासतौर पर रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंचता है। यह ‘मर्द’ बनने की यह परंपरा लगभग 1500 वर्ष पुरानी है।

4. मसाई- लॉयन फाइटिंग :
केन्या और तंजानिया में मसाई जनजाति के लोगों की यह परंपरा अब खत्म हो चुकी है। पहले यहां ‘मर्द’ बनने का एक ही तरीका था, भाले से शेर का शिकार करना होता था। यहां समाज में हर 6 से 10 साल में एक प्रमुख संरक्षक के ग्रुप का चयन किया जाता था। यहां युवाओं का खतना भी किया जाता था।
 
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