खजुराहो मंदिर का ऐसा रहस्य, जिसे देखकर खुली की खिली रह जायेंगी आपकी आखें
खजुराहो का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है। यह शहर चन्देल साम्राज्य की प्रथम राजधानी था. चन्देल वंश और खजुराहो के संस्थापक चन्द्रवर्मन थे. चन्द्र्वर्मन मध्यकाल में बुंदेलखंड में शासन करने वाले राजपूत राजा थे. वे अपने आप का चन्द्रवंशी मानते थे. चंदेल राजाओं ने दसवीं से बारहवी शताब्दी तक मध्य भारत में शासन किया.
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खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 ईसवीं से 1050 ईसवीं के बीच इन्हीं चन्देल राजाओं द्वारा किया गया. बता दें कि काशी के राजपंडित की पुत्री हेमवती अपूर्व सौंदर्य की स्वामिनी थी. एक दिन वह गर्मियों की रात में कमल-पुष्पों से भरे हुए तालाब में स्नान कर रही थी. उसकी सुंदरता देखकर भगवान चन्द्र उन पर मोहित हो गए. वे मानव रूप धारणकर धरती पर आ गए और हेमवती का हरण कर लिया.
लेकिन दुर्भाग्य से हेमवती विधवा थी और वह एक बच्चे की मां थी. उन्होंने चन्द्रदेव पर अपना जीवन नष्ट करने और चरित्र हनन का आरोप लगाया. अपनी गलती के पश्चाताप के लिए चन्द्र देव ने हेमवती को वचन दिया कि वह एक वीर पुत्र की मां बनेगी.