आखिर क्यों अपने ही देवता से शादी करते हैं किन्नर और बनते है एक रात के लिए सुहागन

किन्नर के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है ऐसे में क्या आप किन्नरों की शादी के बारे में जानते हैं. जी हाँ, किन्नरों की शादी. आज हम आपको बताएंगे कि किस्से होती हैं किन्नरों कि शादी और क्यों उनकी शादी केवल एक ही दिन टिकती है. दरअसल में किन्नर अपने भगवान अरावन या इरावन देवता से शादी करते है और ऐसा माना जाता है कि शादी के दूसरे दिन ही उनके देवता की मौत हो जाती है और वह विधवा हो जाते हैं.किन्नर हर साल में एक बार शादी करते हैं और शादी के दूसरे दिन ही उनका वैवाहिक जीवन खत्म हो जाता है.आखिर क्यों अपने ही देवता से शादी करते हैं किन्नर और बनते है एक रात के लिए सुहागन

अब एक सवाल ये भी कि आखिर किन्नर ऐसा क्यों करते हैं..? तो आइए हम बताते हैं इसका भी जवाब, दरअसल में एक बार महभारत में अर्जुन को द्रोपदी से शादी करने के लिए रखी गई एक शर्त को ना मानने की वजह से उन्हें तीर्थयात्रा पर भेज दिया गया था और जब अर्जुन तीर्थयात्रा पर निकले तो वहां उन्होंने रास्ते में एक नाग राजकुमारी से प्यार कर विवाह कर लिया जिसके बाद उन्हें एक उत्तर हुआ जिसका नाम अरावन रखा गया. बच्चे के जन्म के बाद अर्जुन ने दोनों को छोड़ दिया और वह अपनी यात्रा पर आगे बढ़ गए. अर्जुन के जाने के बाद अरावन अपनी माँ के साथ रहने लगा और कुछ समय बाद वह अपनी माँ को छोड़कर अपने पिता के पास गया जहाँ युद्ध चल रहा था. उस वक्त अर्जुन ने अरावन को युद्ध के लिए रणभूमि में भेज दिया.

युद्ध के दौरान पांडवों को एक नर बलि देनी होती है जो उनकी जीत का कारण बनती इस वजह से वह एक नर बलि की खोज करते है लेकिन कोई भी राजकुमार अपनी बलि के लिए तैयार नहीं होता ऐसे में अरावन अपनी बलि के तैयार हो जाते हैं लेकिन वह एक शर्त रखते है जो यह रहती है कि वह कुवारें नहीं मरेंगे. इस समय सभी समस्या में आ जाते है क्योंकि कोई अरावन से अपनी बेटी का विवाह नहीं करता क्योंकि सभी को पता हो कि अरावन मरने वाला है. उस समय भगवान कृष्ण मोहिनी रूप लेकर अरावन से शादी करते हैं और उसके बाद अरावन की बलि चढ़ाई जाती हैं. बस यहीं वजह है कि किन्नर एक रात के लिए अपने भगवान अरावन से शादी करते हैं.

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