सर्वे रिपोर्ट निराशाजनक: पांच फीसदी स्टार्ट-अप ही टिक पाए हैं

पीएम मोदी युवाओं को नौकरी की जगह कारोबार करने और इसके लिए स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं. लेकिन देश में चलने वाले स्टार्ट-अप की हालत बहुत दयनीय है. एक सर्वे के अनुसार देश के बेरोजगार वयस्कों में से महज पांच फीसदी ही स्टार्ट-अप शुरू कर पाते हैं और इससे भी निराशाजनक बात यह है कि शुरू होने वाले स्टार्ट-अप में से महज पांच फीसदी ही 42 महीने से ज्यादा समय तक टिक पाए हैं.

गुजरात में गांधीनगर के आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (EDI) की ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशि‍प मॉनिटर (GEM) इंडिया रिपोर्ट 2016-17 में यह जानकारी दी गई है. इस सर्वे के अनुसार देश की करीब 8 फीसदी वयस्क जनसंख्या ही शुरुआती दौर की उद्यमिता गतिविधियों में शामिल रहती है.  

सर्वे के अनुसार, 7 फीसदी ऐसे लोग हैं जिनका कारोबार 3.5 साल से भी कम समय से चल रहा है, जबकि पांच फीसदी ही ऐसे लोग हैं, जिनका कारोबार 42 महीने से ज्यादा चल पाया है. यह सर्वे 18 से 64 साल की उम्र के करीब 3,400 लोगों के बीच किया गया.

सर्वे के अनुसार ब्रिक्स देशों में कारोबार स्थापित करने के मामले में सबसे आगे ब्राजील के लोग हैं, जहां 17 फीसदी लोग ऐसा कर पाते हैं. इस मामले में सबसे कम 3 फीसदी हिस्सा दक्ष‍िण अफ्रीका के लोगों का है. चीन में स्टार्ट-अप शुरू करने वाले वयस्कों का हिस्सा भारत से ज्यादा 8 फीसदी है.

भारत में शुरू होने वाले स्टार्ट-अप का आधे से ज्यादा हिस्सा कम बढ़त संभावनाओं वाला है, क्योंकि वे अपने कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाना चाहते. सिर्फ 44 फीसदी स्टार्ट-अप अगले पांच साल में 1 से 5 कर्मचारियों की भर्ती करना चाहते हैं.कारोबार बंद करने की दर भारत में सबसे ज्यादा

भारत में कारोबार बंद करने की दर दुनिया में सबसे ज्यादा 26.4 फीसदी है. सर्वे के अनुसार 1.3 फीसदी कारोबार अफसरशाहीकी अड़चनों, 7 फीसदी कारोबार वित्तीय मसलों, 6.5 फीसदी कारोबार व्यक्तिगत वजहों और 16.9 फीसदी कारोबार घाटा होने और 58.4 फीसदी कारोबार अन्य वजहों से बंद होते हैं.

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