शनिदेव आपके जीवन में आने से पहले देते हैं ये संकेत, बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय…

सूर्य पुत्र शनिदेव को देवताओं में सबसे गुस्सैल देवता के रूप में जाना जाता है इनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह एक राशि में पूरे ढाई साल के लिए रहते हैं प्रकृति भी शनि के शुभ अशुभ प्रभाव के लक्षण व्यक्ति को जरूर देती है शनिदेव को न्यायधीश की उपाधि दी गई है यह व्यक्ति के अच्छे बुरे कर्मों के अनुसार ही उसको फल देते हैं इसलिए इनको कर्मफल दाता भी कहा जाता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि देव व्यक्ति को अच्छा या बुरा फल देते हैं तो उससे पहले कुछ संकेत देते हैं आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बुरा समय आने पर शनिदेव से मिलने वाले संकेतों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।शनिदेव आपके जीवन में आने से पहले देते हैं ये संकेत, बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय...

आइए जानते हैं शनिदेव के ढैय्या यह साढ़ेसाती के संकेतों के बारे में.

  • यदि किसी कारणवश आपको नौकरी से निकाला जाता है तो यह शनि के बुरे प्रभाव का संकेत माना गया है।
  • शनि के बुरे प्रभाव की वजह से आपका व्यापार या व्यवसाय मंदा चलता है।
  • शनि के बुरे प्रभाव की वजह से आप बुरी संगत में लग जाते हैं।
  • अगर आपके ऊपर शनि का बुरा प्रभाव हो तो आप हर समय झूठ का सहारा लेने लगते हैं।

 

  • शनि के बुरे प्रभाव की वजह से तरक्की में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।

 

  • अगर आप किसी अच्छी जगह से अनचाही जगह पर ट्रांसफर कर दिए जाते हैं तो यह शनि का बुरा संकेत माना गया है।
  • कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाना भी शनि के बुरे प्रभाव की ओर संकेत करता है।
  • जरूरत से ज्यादा कर्ज होना और उससे छुटकारा प्राप्त करने में सफलता हासिल ना होना भी शनि का बुरा प्रभाव है।
  • भाइयों से विवाद और परिवार के सदस्यों के साथ मनमुटाव भी बुरे संकेत को दर्शाता है।
  • प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद शनि के बुरे प्रभाव की वजह से होता है।

उपाय

अगर आप शनि के बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं तो पीपल के पेड़ की विधि विधान से पूजा कीजिए शनिवार के दिन पेड़ की पूजा करने पर अच्छा फल मिलता है यह पूजा आप रविवार का दिन छोड़कर किसी भी दिन कर सकते हैं यह पूजा करने के लिए आप सूर्य उदय से पहले सुबह सुबह उठ जाइए स्नान आदि करने के पश्चात सफेद वस्त्र धारण कीजिए और किसी ऐसे स्थान पर जाइए जहां पर पीपल का पेड़ लगा हो पीपल की जड़ में गाय का दूध तिल और चंदन मिलाकर पवित्र जल अर्पित कीजिए जल अर्पित करने के पश्चात जनेऊ फूल और प्रसाद अर्पित कीजिए आप तनाव मुक्त होकर पूजा अर्चना कीजिए धूप दीप जलाकर आसन पर बैठकर अपने इष्ट देवी देवताओं का स्मरण करते हुए नीचे दिए हुए मंत्रों का जाप कीजिए-

मूलतो ब्रह्मारूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे
अग्रतः शिवरूपाय वृक्ष राजाय ते नमः
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसंपदम्
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:

उपरोक्त दिए हुए मंत्रों का जाप करने के पश्चात कपूर और लौंग जलाकर आरती कीजिए उसके बाद प्रसाद ग्रहण कीजिए प्रसाद में मिठाई या शक्कर अर्पित कर सकते हैं पीपल के जड़ में अर्पित थोड़ा सा जल घर लेकर आ जाइए और उसे सारे घर में छिड़क दीजिए यदि आप इस तरह से पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं तो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा मिलता है और आपके घर परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है इसके साथ ही घर परिवार में भी शांति बनी रहती है।

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