विवेक हत्याकांड : रात की घटना का दिन में दोहराया गया क्राइम सीन

एसआईटी टीम की बड़ी लापरवाही उजागर

एक्सयूवी गाड़ी की लाइट पडऩे से चौंधिया जाता है व्यक्ति

ऐसे में बाहर से कैसे मारी गोली, कई पेंच फंसे

लखनऊ। एप्पल के एएसएम विवेक तिवारी की हत्या की जांच में कदम-कदम पर लापरवाही कर रही एसआईटी ने आज फिर वही किया, जिसकी उ मीद नहीं थी। वारदात रात की थी, क्राइम सीन का रिक्रयेशन दिन में किया गया। इस दौरान घटना के समय मौजूद चश्मदीद गवाह सना समेत मृतक की पत्नी कल्पना भी मौजूद थी। एसआईटी की दस सदस्यीय टीम ने करीब डेढ़ घंटे तक मौके का मुआयना करती रही। वहीं जानकार बताते है कि रात के समय और दिन के उजाले में घटना की पुनरावृति करने में काफी बदलाव हो सकता है।
एसआईटी की टीम पहली बार मु य गवाह सना और मृतक की पत्नी कल्पना व उसके देवर राजेश तिवारी को लेकर वारदात के चार दिन बाद पहली बार घटनास्थल पर लेकर पहुचीं। दोपहर करीब 3.30 बजे आईजी रेंज सुजीत पाण्डेय दस सदस्यीय एसआईटी टीम के साथ मौके पर पहुचें। जिनके साथ बेलेस्टिक एक्सपर्ट के साथ फोरेंहिंस की टीम भी साथ में थी। टीम ने मौके पर पहुंच कर एक काले रंग की एक्सयूवी कार के साथ घटना का रिक्रियेशन करना शुरू किया गया। सबसे पहले मु स गवाह सना से जानकारी की गयी कि उनकी कार कितनी र तार से चल रही थी। कार कहीं रूकी तो नहीं थी। क्या कार के शीशे खुले थे। घटना के वक्त बाइक सवार पुलिस कर्मी किस दिशा से आये थे। उनकी बाइक घटनास्थल से कितनी दूरी पर खड़ी थी। कितनी दूर से पुलिस कर्मी ने गोली मारी थी। गोली लगने के बाद कार किस स्पीड से चली थी। गोली किन परिस्थितियों में मारी गयी। गोली चलाने वाले सिपाही किस दिशा में थे। एसआईटी की टीम ने कार के अन्दर से ड्राइविंग सीट से विंड स्क्रीन की दूरी व सडक़ से विंड स्क्रीन की दूरी भी नापी। इस दौरान आरोपी सिपाहियों की कदकाठी के दो अन्य पुलिस कर्मियों को मौके पर बुलाया गया। उसने कार पर पिस्टल तनवायी गयी। सना को कार चालक के साथ बगल की सीट पर बैठाला गया। इसी तरह कार के सामने बाइक को लाया गया। कार से उसकी दूरी नापी गयी। इस दौरान एसआईटी की टीम ने सना से कई सवाल पूछे। जिसका रूपान्तर भी किया गया। पुलिस की टीम सना और मृतक की पत्नी का भी आमना-सामना कराया। जिन्होनें करीब दस मिनट कर अकेले के बातचीत की। बताया जाता है कि मृतका की पत्नी ने सना से पूरे घटनाक्रम की दोबारा से जानकारी ली कि आखिर किस तरह विवेक यहां तक पहुचां और किस तरह से इस तरह की वारदात हुयी। वहीं जानकार बताते है कि जब घटना रात में हुयी थी तो उसका क्राइम सीन दिन में क्यों दोहराया गया। रात के वक्त का माहौल और दिन के वक्त का माहौल दूसरा होता है। एक्सयूपी कार की हेडलाइट की रोशनी बहुत तेज होती है। ऐसे में किस तरह कार के अन्दर, बाहर से झांकना आसान नहीं होता है। बाहर खड़े पुलिस कर्मियों ने किस तरह पिस्टल से निशाना लगाया यह बेहद महत्तवपूर्ण है। मामले की जांच कर रहे आईजी सुजीत पाण्डेय ने बताया कि विवेक की हत्या को लेकर मुकदमा दर्ज हो चुका है। आरोपी सिपाही जेल जा चुके है। हम लोग सिर्फ घटना के बारे में जानकरी एकत्र कर रहे है कि आखिर उस रात क्या हुआ था। किस तरह से सिपाहियों का एक्सयूवी सवार से आमना-सामना हुआ और किन परिस्थितियों में गोली चली। इन सबका मिलान करने के बाद ही पूरे मामले की सही जानकारी हो पायेगी। आरोपियों से जल्द ही मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की सबके सामने लाया जायेगा।
हत्यारोपी की पत्नी ने धमकाया था सना को

सीन रिक्रिएशन के दौरान विवेक तिवारी की हत्या की चश्मदीद गवाह सना ने कई सारे खुलासे किए हैं। सना ने बताया कि मैं सोच भी नहीं सकती थी कि पुलिस ऐसी हो सकती है। खाकी वर्दी पहने सिपाहियों ने हमें अपराधियों की तरह घेर लिया था। आरोप लगाते हुए अभद्रता की थी। इससे घबराए विवेक सर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी थी। उसके बाद जो हुआ वह मंजर अभी भी मेरी आंखों के सामने घूम रहा है। मंगलवार को मीडिया से मुखातिब हुई घटना की चश्मदीद गवाह सना ने पुलिस की क्रूरता की कहानी बयां की। इससे पहले पुलिस ने उसे नजरबंद कर रखा था। सना ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि घटना के बाद हत्यारोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी कांस्टेबल राखी मलिक ने उसे गोमतीनगर थाने में धमकाया था। सना के अनुसार उसे गोमतीनगर थाने के महिला स मान कक्ष में बैठाया गया। जहां ड्यूटी पर हत्यारोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी कांस्टेबल राखी मलिक तैनात थी। राखी ने उससे उलटे-सीधे सवाल पूछने शुरू कर दिए। राखी ने कहा कि तुम अपराधी के साथ गाड़ी में क्या कर रही थी। राखी ने उसे धमकाया कि अब तुम भी जेल जाओगी। सना का कहना है कि राखी ने उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त किया।

अस्पताल पहुंचने तक जीवित थे विवेक तिवारी
सना ने बताया कि उसका मोबाइल फोन घर पर ही छूट गया था। विवेक के मोबाइल पर कोड लॉक लगा था। जिसके चलते वो सडक़ पर खड़ी होकर मदद के लिए चीखती रही, लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं रुका। करीब 15 मिनट बाद पुलिस की एक जीप आई। सना का कहना है कि पुलिस कर्मियों ने ए बुलेंस के लिए फ ोन किया और इंतजार करने लगे। ए बुलेंस नहीं पुहंची तो उसने पुलिस से जल्द अस्पताल पहुंचाने की मिन्नत की। पुलिस वालों ने बेहोश विवेक को जीप में लिटाया और उन्हें लोहिया अस्पताल ले गए। विवेक को अस्पताल ले जाने में 30-35 मिनट का समय लग गया था। अस्पताल पहुंचने तक विवेक जीवित था। अस्पताल पहुंचने के दस मिनट बाद डाक्टरों ने विवेक को मृत घोषित कर दिया।
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यूपीआरएनएसएस में लगे कैमरे में छिपे हैं कई राज

विवेक तिवारी हत्याकांड की जांच में पांच सीसीटीवी फु टेज सामने आए हैं। ये सीसीटीवी कैमरे उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ के दो गेटों पर लगे हुए थे जो कि घटनास्थल से महज 30 मीटर दूर हैं। बता दें कि स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम भी इस मामले की जांच कर रही है। एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट सलिल पटेल ने सोमवार को चक्रेश मिश्रा के साथ यूपीआरएनएसएस बिल्डिंग का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां अधिकारियों से सीसीटीवी फ ुटेज के मामले में बातचीत की थी। सलिल पटेल ने स्थानीय लोगों से बात की और सीसीटीवी फ ुटेज के बारे में जानकारी हासिल की। हालांकि, कैमरा का फ ोकस घटना स्थल की ओर नहीं था, लेकिन इसके बावजूद माना जा रहा है कि सीसीटीवी फु टेज से कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं। वहीं, रविवार को एक अन्य सीसीटीवी फु टेज सामने आई थी, जो कि एक अलग बिल्डिंग में लगा हुआ था। इस फु टेज में से पता चला था कि विवेक तिवारी की कार शनिवार रात 1:19 पर घटना स्थल की ओर धीरे-धीरे जा रही थी। इसके बाद विवेक तिवारी की हत्या रात 1:30 पर गोली मारकर कर दी गई। कहा जा रहा है कि इस दौरान 11 मिनट के बीच क्या हुआ, इसके बारे में यूपीआरएनएसएस में लगे सीसीटीवी फु टेज से सामने आ सकता है।
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