राजस्थान में 10 पर्यटन स्थलों का भ्रमण स्थान

राजा महाराजाओं की भूमि राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है | यह भारत का मरुस्थलीय राज्य है | क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का सातवां राज्य है |इस मरुस्थलीय राज्य में जोधपुर,  बीकानेर,  जैसलमेर जैसे कई ऐतिहासिक शहर है, जहां अभी भी पुराने किले महान एवं अन्य इमारत है |राजस्थान में 10 पर्यटन स्थलों का भ्रमण स्थान

राजस्थान का राजमहल प्राचीन भारतीय भवन निर्माण कला को स्पष्ट रूप से दर्शाता है | पुरुषों की वेशभूषा, रंगीन पगड़ी तथा बड़ी बड़ी मूछें उनकी वीरता की पहचान है |स्त्रियों के चमकीले रंगीन का आगरे भी उनकी अलग ही पहचान है | उनके सर से पैर तक पहने वाले राजस्थानी के  जेवर अनोखी पहचान रखते हैं |  इसलिए राजस्थान में जाने वाले पर्यटन यह सब खरीदते हैं |

जयपुर, राजस्थान

पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर राजस्थान की राजधानी है| जयपुर अपनी वास्तुकला के लिए दुनियाभर में जाना जाता है|यहां कला, संस्कृति और सभ्यता का अनोखा संगम देखने को मिलता है| जयपुर जिस स्थान पर आज ही या शहर स्थित है वहां पहले सूखी झील का मैदान था | यह मैदानी भाग तीन दिशाओं में अरावली पर्वत श्रृंखला द्वारा गिरा हुआ था |राजस्थान रमन हेतु आए पर्यटकों में जयपुर का विशेष आकर्षण रहा है | 18 नवंबर सन 1727 में सवाई राजा जयसिंह ने इस शहर को बसाया था | उन्हीं के नाम पर शहर का नाम जयपुर पड़ा है | महाराजा  जयसिंह के राजदरबार में एक बांग्लाभाषी वास्तुकार द्वारा इस नगर की सुनियोजित रूपरेखा तैयार की गई और उसी आधार पर इस नगर को बसाया गया |  1876 में  प्रिंस ऑफ वेल्स के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग का कर दिया गया था, तब से आज तक जयपुर अपने गुलाबी योवन को संभाले हुए हैं |

जयपुर दर्शनीय स्थल : कुंतलगढ़, जयगढ़,  जंतर मंतर और नाहरगढ  पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है | 360 खिड़कियों वाला महल, हवामहल यहां वातानुकुलित मशीन के बिना भी ठंडी हवा खाई जा सकती है, नगर प्रसाद राजस्थानी एवं मुगल स्थापत्य शैली में बना है | इसका नाम चंद्रमहल भी है | गोविंद जी का मंदिर, जयपुर का जादूगर और जलमहल है | इस महान में कुल 5 मंजिले है | चार झील के पानी में डूबी रहती है | सिसोदिया रानी का बाग, मोतीमहल आदि अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल है |

जैसलमेर, राजस्थान

राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में थार के रेगिस्तान के हृदयस्थल पर स्थित जैसलमेर देश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है|अनुपम वास्तुशिल्प, मधुर लोकसंगीत, विपुल सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत को अपने में समाए जैसलमेर पर्यटकों के स्वागत के लिए सदैव तत्पर रहता है| यह ?ालसाने वाली गरमी और जमा देने वाली ठंडी रेगिस्तानी जमीन के लिए जाना जाता है|

जैसलमेर के दर्शनीय स्थल : जैसलमेर की मशहूर स्टोन कार्मिक देखने के इच्छुक पर्यटक को को नक्काशी से परिपूर्ण अतीत की धरोहर पटवा हवेली, राजा का महल, नथमल जी की हवेली आदि बरबसआकृष्ट करते हैं |

उदयपुर, राजस्थान

अरावली पहाड़ी के निकट स्थित राजस्थान के सब से खूबसूरत शहर उदयपुर को झीलों का शहर भी कहा जाता है| यह अपनी प्रकृति और मानवीय रचनाओं से समृद्घ अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है| यहां की हवेलियों, महलों, झीलों और हरियाली को देख कर सैलानी उमंग से भर जाते हैं. मनमोहक और हरेभरे बगीचे, झीलों , नहरें, दूध की तरह सफेद संगमरमर के महल इस शहर को रोमांटिक बनाते हैं|

उदयपुर के दर्शनीय स्थल : दर्शनार्थियों को मानसून पैलेस, लक्ष्मी विलास, सिटी पैलेस, मुनिवास व यहां की झील, भाग इत्यादि विशेष रूप से आकर्षित करते हैं |

माउंट आबू, राजस्थान

माउंट आबू ‘डेजर्ट स्टेट कहे जाने वाले राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन है जो गुजरात वालों के लिए वहां की हिल स्टेशन की कमी को भी पूरा करता है| दक्षिणी राजस्थान के सिरोही जिले में गुजरात की सीमा से सटा यह हिल स्टेशन 4 हजार फुट की ऊंचाई पर बसा हुआ है| इस की सुंदरता कश्मीर से कम नहीं आंकी जाती| इस स्थान पर पांच मंदिरों का निर्माण किया गया है | इन मंदिरों की दीवारों स्तंभों एवं छात्रों पर इतना बारीक काम किया गया है, कि पर्यटकों की आंखों आश्चर्य से खुली की खुली रह जाती है माउंट आबू के सर्वोच्च शिखर को गुरु शिखर कहा जाता है |

माउंट आबू के दर्शनीय स्थल : नक्की झील, सनसैट पौइंट, हनीमून पौइंट, टौड रौक, म्यूजियम और आर्ट गैलरी, निकट ही गुरु शिखर पर सृष्टि की उत्पत्ति करता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु एवं संहार करता शिव का त्रिमूर्ति मंदिर है | अचलगढ़ अधरादेवी सन सेट पॉइंट आदि भी दर्शनीय है |

जोधपुर, राजस्थान

कन्नौज के राजा जयचंद के वंशज रावत जो दानिश नगर की नीव डाली थी | 1212 इ मे राजा सिंह अपने कुछ सरदारों के साथ मारवाड़ में आकर बस गया था | मारवाड़ के राठौड़ वंश की शुरुआत राव सिंह से मानी जाती है |  1395 ई मैं राव चुडा ने अपने विवाह पर मंदोर दुर्ग दहेज स्वरूप पाया और इसे अपनी राजधानी बनाया | राव चुडा की मृत्यु के पश्चात राव जोधा को मंडोर दुर्ग सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं लगा | इसलिए अपने राज्य की संपूर्ण शक्ति को संगठित करने के विचार से उन्होंने मंदौर दुर्ग से 9 किमी दूर एक नए दुर्ग की न्यू डाली और अपने नाम पर जोधपुर शहर बसाया | राव जोधा ने ही शहर के चारों ओर 10 किमी लंबी दीवार का भी निर्माण करवाया | इस नगर में विभिन्न दिशाओं से प्रवेश द्वार हेतु आठ द्वार है | जोधपुर एक ऐतिहासिक नगर है |  और यहां कई ऐतिहासिक इमारतें स्थित है |

 पुष्कर तीर्थ, राजस्थान

यह राजस्थान राज्य का प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है | संपूर्ण भारतवर्ष में सिर्फ पुष्कर ही वह श्रद्धा स्थल है | जहां जगत के उत्पत्ति करता ब्रह्माजी पुराणिक इंदु  ग्रंथ की एक कथा के अनुसार ब्रह्मा जी स्वयं अपनी ही पत्नी सावित्री से शापित है जिस कारण उनका पूजन नहीं किया जाता है | पुष्कर में कई घाट है, जिसमें 15 घाटों का विशेष उल्लेख है | घाटों काजल मोक्ष,  पापभक्ति की शक्ति से संपन्न है | स्नान करने वाले को यह दोनों ही फल प्राप्त होते हैं | इतना ही नहीं स्नान वाले श्रद्धालुओं वक्त चारों धामों की यात्रा एवं स्नान का फल मात्र पुष्कर के कांटो में स्थान कर कर प्राप्त करता है | दूधिया पत्थर से निर्मित मंदिर में स्थूलकाय लाल रंग एवं चार मुखी ब्रह्म देव की प्रतिमा है | उल्टे हाथ की तरह गायत्री देवी विराजमान है और नारद गणपति, पंचदेव यहां प्रतिष्ठित है | मां सावित्री का मंदिर झील के पार सावित्री पाठ पर स्थित है | इसकी विशेषता यह है कि यहां केवल स्त्रिया ही पूजा कर सकती है | इस के निकट ही मां संतोषी और एक पहाड़ की चोटी पर गायत्री मंदिर स्थित है | विभिन्न स्थलों से रेल गाड़ियां और बस यहां आती है |

सरिस्का, राजस्थान

इस अभ्यारण कौशल 1979 में टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त हुआ है | रात में अरणीय सफारी पैकेज टूर के अंतर्गत भ्रमण हेतु गाड़ी सर्वोत्तम साधन है | यहां सांभर, नीलगाय, भालू ,जंगली बिल्ली एवं भाग का दर्शन किया जा सकता है |इसलिय राजस्थान बहुत ही सुन्दर घूमने लायक स्थल है |

अजमेर, राजस्थान

अजमेर में दर्शनार्थियों के लिए काफी कुछ है | ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, इस दरगाह पर प्रतिवर्ष रमजान के महीने में उर्स उत्सव मनाया जाता है | दरगाह की विशेषता सिद्धू फकीर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार है, जो सच्चे मन से दुआ करने पर मन की मुराद पूरी करते हैं एवं श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रसाद रूप वितरित करने के लिए बनाई जाने वाली बिरयानी को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले दो पात्र जिसमें एक बारी में 120 और 80 मंन चावल पकता है| सुल्तान मोहब्बत खेल जी के पीता की समाधि जुम्मा मस्जिद, डाई दिन का झोपड़ा, तारागढ़ पहाड़ , म्यूज़ियम, लाल पत्थर का जैन मंदिर, और पृथ्वीराज चौहान द्वारा निर्मित कृत्रिम झील आदि पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बना रहा है |

भरतपुर, राजस्थान

भरतपुर का प्राचीन भव्य किला आधुनिक समय में एक विश्वस्तर के सेंचुरी में बदल गया है | यहां पर अनेक प्रकार के पक्षी तथा तेंदुआ,  भालू ,नीलगाय, चिता, हिरन  आदि पाए जाते हैं | विभिन्न पशु या पक्षियों को आप 6:00 बजे उसे 8:00 बजे तक देख सकते हैं | झील में नाव की सवारी का आनंद भी आप ले सकते हैं | वर्ल्ड सेंचुरी में बदला किला, अतीत में अजय था | 1730 ई में राजा सूरजमल ने भरतपुर की स्थापना की | भरतपुर किले पर विजय पाने के लिए अंग्रेजों को पूरे 4 महीने तक जी तोड़ मेहनत करनी पड़ी थी तब कहीं 1805 ई मे वह इस अजय किले को जीत पाए थे | किले में दो प्रवेश द्वार और 6 बुज है |

अलवर, राजस्थान

यह शहर 1775 महाराजा राव प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था | यहां का प्रमुख आकर्षण सिटी पैलेस है, जो कि अब म्यूजियम में परिवर्तित हो चुका है | अस्त्रकार में विबिन्न महान बादशाहों के अस्त्रो को सुरक्षित रखा गया है |  यहां विशाल अस्तबल घोड़ों का नहीं  हाथियों का वह भी कोई दूसरों 400 नहीं पूरे 3000 आदमियों को रखा जाता था | यहां भी थाने की उत्तम व्यवस्था है |

Back to top button