…यहां पत्नी पीड़ित पुरुषों ने किया शूर्पणखा का पुतला दहन

औरंगाबाद: दशहरा पर रावण का पुतला दहन करने की परंपरा रही है, लेकिन कुछ ‘‘परेशान’ पतियों ने यहां सूर्पणखा का पुतला जला कर यह त्योहार अलग तरह से मनाया। सूर्पणखा लंका नरेश रावण की बहन थी। रावण, रामायण के एक प्रमुख पात्र हैं। पत्नियों के सताए पतियों की संस्था ‘‘पत्नी पीड़ित पुरु ष संगठन’ के सदस्यों ने औरंगाबाद के पास करोली गांव में बृहस्पतिवार को सूर्पणखा का पुतला दहन किया।

संस्था के संस्थापक भारत फुलारे ने कहा, ‘‘भारत में सभी कानून पुरु षों के खिलाफ और महिलाओं के पक्ष में हैं। वे छोटे-छोटे मुद्दों पर अपने पति एवं ससुराल वालों को परेशान करने के लिए इनका दुरुपयोग करती हैं।’उन्होंने कहा, ‘‘देश में पुरु षों के खिलाफ क्रूरता की हम ¨नदा करते हैं। एक सांकेतिक कदम के तौर पर हमारे संगठन ने कल शाम दशहरा के मौके पर सूर्पणखा का पुतला जलाया।’

हिन्दू पौराणिक कथाओं के मुताबिक रावण और राम के बीच युद्ध का मुख्य कारण सूर्पणखा थी। सूर्पणखा के अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए रावण ने साधु का वेश धारण कर सीता का अपहरण कर लिया था, जिसके चलते अंतत: राम-रावण का संग्राम हुआ था। फुलारे ने दावा किया कि 2015 के आंकड़ों के अनुसार देश में आत्महत्या करने वाले विवाहित लोगों में 74 प्रतिशत पुरु ष थे। साथ ही, संस्था के कुछ सदस्यों ने देश में चल रहे ‘‘मी टू’ अभियान पर भी सवाल उठाए।

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