ट्रोलिंग : इस तरह भी नष्ट होती है आपकी रचनात्मक ऊर्जा

-देखिये मनोचिकित्‍सक डॉ सम्‍यक तिवारी का वीडियो

लखनऊ। सोशल मीडिया पर लम्‍बी-लम्‍बी बहस होना आजकल आम हो गया है। यह बहस भद्र भाषा से शुरू होकर कब अभद्र भाषा में बदल जाती है, यह पता ही नहीं चलता। नतीजा यह है कि मन में कड़ुवाहट भरती है, चित्‍त अशांत होता है। यही नहीं इस बहस में आपकी वह ऊर्जा नष्‍ट हो जाती है जो कि किसी दूसरे सकारात्‍मक कार्य में लगनी थी।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े लखनऊ के मनोचिकित्‍सक डॉ सम्‍यक तिवारी ने ट्रोलिंग (किसी को परेशान करने या उनसे गुस्से की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के उद्देश्य से एक जानबूझकर आक्रामक या उत्तेजक ऑनलाइन पोस्ट करना) को लेकर छोटा सा लेकिन महत्‍वपूर्ण संदेश देने वाला वीडियो पोस्‍ट किया है। डॉ सम्‍यक कहते हैं कि ऐसी परिस्थितियों में आप कब wise (बुद्धिमान) से wild  (जंगली) बन जाते हैं, यह आपको पता ही नहीं चलता। डॉ सम्‍यक एक मोटीवेटर हैं और इस तरह की प्रेरणात्‍मक बातों को अपने वीडियो के माध्‍यम से लाते रहते हैं। देखिये क्‍या कहना है डॉ सम्‍यक तिवारी का।

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