जानिए क्यों मनाया जाता है फुलेरा दूज…

फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का पावन त्याहोर मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने फूलों से होली थी। इस शुभ दिन श्रीराधा कृष्ण की श्रद्धा के साथ उपासना करने से परिवार में सुख शांति बनी रहती है और परिवार में प्रेम में वृद्धि होती है।

फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को पीले फूल और पीले वस्त्र अर्पित करें। भगवान श्रीकृष्ण को बेसन के लड्डू या माखन मिश्री का भोग लगाएं। फुलेरा दूज के दिन पति-पत्नी दोनों को एक साथ श्रीराधा कृष्ण की उपासना करनी चाहिए। अगर विवाह में देरी हो रही है तो फुलेरा दूज के दिन राधा रानी को शृंगार सामग्री अर्पित करें। फुलेरा दूज के दिन श्रीराधा कृष्ण की सच्चे मन से उपासना करने से परिवार में प्रेम बना रहता है। फुलेरा दूज के दिन राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण को पीले फूल अर्पित करें। पीले वस्त्र अर्पित करें। माखन मिश्री का भोग लगाएं। इस दिन ब्रज के मंदिरों में श्री कृष्ण और राधा रानी को फूलों से सजाया जाता है और फूलों से होली खेली जाती है। फुलेरा दूज के दिन एक गुलाबी रंग का बड़ा सा धागा लेकर मंदिर जाएं और इस धागे को श्रीराधा कृष्ण के चरणों में अर्पित करें। घर आकर बेडरूम के बेड के चारों पांवों में इस गुलाबी धागे को बांध दें। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में हमेशा प्रेम बना रहेगा। मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन जो कोई भी शादी के बंधन में बंध जाता है उसके जीवन में भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद बना रहता है। संपत्ति की खरीदारी के लिए भी फुलेरा दूज का दिन शुभ माना जाता है। फुलेरा दूज के दिन राधा कृष्ण मंदिर में जाकर श्रीराधा रानी को हरी चूड़ियां अर्पित करें। 

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