जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष बने भारत के पहले लोकपाल, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
नई दिल्ली। देश के पहले लोकपाल के तौर पर जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष ने आज शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस घोष के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति और चीफ जस्टिस रंजन गोगई भी मौजूद रहे।
मई 2017 में उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति घोष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य हैं। अधिकारियों ने कहा कि समझा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति द्वारा इस पद के लिए उनके नाम पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है।
सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। सरकार द्वारा यदि उनकी नियुक्ति की जाती है तो विवाद उत्पन्न हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया था। लोकपाल कानून 2013 में पारित किया गया था जो कुछ श्रेणियों के लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान करता है।