क्या… आप जानते है चूड़ा पहनने की इस रस्म के बारे में

हमारी भारतीय संस्कृति का अपना एक अलग ही महत्व है यहां हर रीति रिवाज और त्योहारों का अपना एक अलग ही विशेष महत्व होता है. इन त्योहारो के साथ-साथ हर जाति और धर्म के लोगो मे अपने रीति रिवाजों से सबंधित कई तरह कि रस्मे होती हैक्या आप जानते है चूड़ा पहनने की इस रस्म के बारे में

जैसे शादी को लेकर हर जाति के कल्चर मे अपने हिसाब से शादी को रंग भरा बनाया जाता है. जैसे उनको मेंहदी लगाने की रस्म से लेकर चूड़ा पहनने की रस्म तक पंजाबी लोगो मे शादी के दौरान दूल्हन को चूड़ा पहनना बहुत ही जरुरी होता है. और इसकी एक रस्म भी होती है जो अपना एक विशेष महत्व रखती है.

पंजाबी लोगों मे चूड़ा पहनने कि रस्म बहुत ही दिलस्प तरीके से मनाई जाती है. चूड़ा सेरेमेनी दुल्हन के घर पर होती है. दुल्हन के मामा उसके लिए चूड़ा लेकर आते है. जिसमे लाल और सफेद रंग की 21 चूडिया होती है. दुल्हन इस चूड़े को तब तक नही देख पाती है जब तक की वह पूरी तरह से तैयार ना होकर मंडप पर दूल्हे के साथ ना बैठ जाएं.

लगभग एक साल तक दुल्हन को इस चूड़े को पहनना होता है. हालाकि कुछ लोग इसे चालीस दिनों तक भी पहन लेते है.

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चूडा पहनने की रस्म दुल्हन के मामा को पूरी करनी होती है. इस दौरान जब चूड़े को पहनाया जाता है तो दुल्हन की आंखे उसकी मां बंद कर देती है. जिससे दुल्हन चूडे को नही देख पाए लोगो की मान्यता है कि दुल्हन का चूड़ा देखना शुभ नही होता है वही रस्म वाले दिन से एक रात पहले चूडे को दूध मे भिगों कर रखा जाता है.वही चूडे के ऊपर कलीरा भी बाधा जाता है जिसे दुल्हन की फ्रेंड बाधती है अत इस संस्कृति का यह अपना एक अलग ही महत्व है और यह परम्परा अपने आपमे एक विशेष महत्व रखती है और जो काफी दिलचस्प है.

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