कोरोना वायरस : बीएचयू ने 4 से 6 घंटे सटीक जांच का किया दावा

वाराणसी : कोरोना वायरस के संकट से जूझती दुनिया के लिए बीएचयू राहत भरी खबर लेकर आया है. वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्युलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्‍स की शोध छात्राओं और एसोसिएट प्रोफेसरों ने मिलकर एक ऐसी नई तकनीक इजात करने का दावा किया है, जो सस्ती, सटीक और 4-6 घंटों में ही कोरोना के जांच का परिणाम देगी.
एक माह की मेहनत के बाद विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गीता राय और उनकी टीम में शामिल शोध छात्रा डॉली दास, खुशबू प्रिया और हीरल ठक्कर ने इस नई तकनीक की खोज का दावा किया है. यह तकनीक आरटी-पीसीआर पर काम करती है और इस सिद्धांत पर अभी देश में कोई और तकनीक कोविड-19 के परीक्षण के लिए नहीं है. यह एक ऐसे अनोखे प्रोटीन सिक्वेंस को टारगेट करता है, जो सिर्फ कोविड-19 में मौजूद है और किसी और वायरल स्ट्रेन में मौजूद नहीं है. इस टेक्नोलॉजी की नवीनता के आधार पर एक पेटेंट भी फाइल किया गया है.
डॉक्टर गीता राय का कहना है कि अभी जिन भी किट से जांच की जा रही है वे 100 प्रतिशत तक सटीक नहीं हैं, जिसके चलते कोरोना के अलावा और भी किसी तरह के वायरल इंफेक्शन वालों को भी मौजूदा जांच किट पॉजिटिव बता दे रही है.
उन्होंने बताया कि उनकी तकनीक छोटी पीसीआर 2-4 लाख की मशीन को ध्यान में रखकर बनाया गया है ताकि उस पर जांच की जा सके. जबकि महंगी लगभग रियल टाइम पीसीआर मशीन 12-20 लाख की आती है. छोटी सस्ती पीसीआर मशीन को डायग्नोस्टिक सेंटर अफोर्ड कर सकते है. इसके चलते मरीज के ऊपर जांच का भार भी नहीं पड़ेगा.

Back to top button