कोरोना वायरस को लेकर राज्यों की लापरवाही आई सामने, विदेश से आए लोगों की नहीं करवाई जांच

नई दिल्ली: देश में 24 घंटों में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ संक्रमण के 75 नये मामले सामने आए हैं और चार मरीजों की मौत हुई हैं। कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है। कोरोना वायरस के संक्रमण से देश भर में अब तक 17 लोगों की मौत हुई है। केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में अभी तक सबसे अधिक संक्रमण के मामले सामने आये हैं।
इसी बीच कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों को बताया कि दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं और लौटने वाले यात्रियों और कोरोना वायरस संक्रमण के संदेश में वास्तविक रूप से निगरानी में रखे गए लोगों की संख्या में बड़ा अंतर प्रतीत हो रहा है। 2 माह में विदेश से आए लोगों की कोविड-19 की जांच में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को पत्र भेजकर कहा है कि दो महीने में 15 लाख यात्री विदेश से भारत आए, लेकिन इन सभी की कोविड19 की जांच नहीं हुई है। कोविड19 की जांच हुए लोगों की रिपोर्ट और कुल यात्रियों की संख्या में बड़ा अंतर दिख रहा है।
राजीव गौबा ने राज्य सरकारों को बताया कि दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं और लौटने वाले यात्रियों और कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में वास्तविक रूप से निगरानी में रखे गए लोगों की संख्या में बड़ा अंतर प्रतीत हो हा है। गौबा ने पत्र में कहा है कि ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन ने 18 जनवरी 2020 से 23 मार्च 2020 तक की रिपोर्ट राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इक_ा की है। इसमें विदेश से आए लोगों की कोविड-19 की जांच की डिटेल है। इस रिपोर्ट और भारत आए कुल यात्रियों की संख्या में अंतर है।
इसी प्रकार कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए घोषित किए गए लॉकडाउन में कुछ स्थानों पर कई लोगों को अपने घरों से दूर दूसरे शहरों या राज्यों में रुकना पड़ा है। दूसरे शहरों या राज्यों में रुके ऐसे लोगों की सहायता में सोशल मीडिया और खासकर ट्विटर काफी मददगार साबित हो रहा है।

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