कैबिनेट मंत्री के साथ PGI का शर्मनाक व्यवहार, सकते में योगी सरकार

जुबली न्यूज़ डेस्क
कोरोना महामारी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जो प्रबंध किया शुरुआत में उसकी काफी तारीफ हुई लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया वैसे वैसे वैसे स्थिति ख़राब होती गई। यहां तक की आरोप ये भी लगते हैं कि सरकार, प्रशासन और अस्पताल अब कोरोना के नाम पर लोगों को परेशान कर रहे हैं और इसे कमाई का भी जरिया बना लिया गया है।
समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी सुनील सिंह साजन ने तो जो खुलासा किया है उसके बाद तो रोंगटे ही खड़े हो जाते हैं।
सुनील सिंह साजन ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद जब वह पीजीआई में भर्ती थे उसी समय उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री स्वर्गीय चेतन चौहान भी भर्ती हुए थे। उस दौरान चेतन चौहान के साथ पीजीआई के डॉक्टर और स्टाफ ने बड़ा ही शर्मनाक व्यवहार किया।
उन्होंने बताया कि, पीजीआई के डॉक्टर चेतन चौहान को चेतन।।चेतन कहकर संबोधित कर रहे थे। इसके आलावा सुनील सिंह साजन ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर भी कमियों को उजागर किया।
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बता दें 16 अगस्त को उत्तर प्रदेश के होमगार्ड मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान का निधन हो गया था। चेतन चौहान का निधन कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। चेतन चौहान कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे। जुलाई महीने में चेतन चौहान की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
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उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री के साथ कैसा व्यवहार किया गया ऐसे में चिंता का बढ़ना लाजिमी हो जाता है कि जब एक मंत्री के साथ डॉक्टर इस तरह पेश आते हैं तो फिर आम आदमी के साथ कैसा बर्ताव होता होगा उसकी कल्पना कीजिए। सवाल ये है कि आखिर अधिकारी, डॉक्टर या अपराधी इसने बेख़ौफ़ और बेअंदाज क्यों हैं और अगर जिम्मेदार लोग इन पर लगाम कसने में नाकाम हैं तो फिर वो कुर्सी पर क्यों हैं ?
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