आखिर राजा भैया के पिता सहित 11 लोगों को क्यों किया गया नजरबंद

जुबिली न्यूज़ डेस्क
कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया के पिता और भदरी रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंद किया गया है। जिलाधिकारी के आदेश के बाद उदय प्रताप सिंह सहित 11 लोगों को हाउस अरेस्ट किया गया है। वो अपने भदरी महल में आज शाम 5 बजे से लेकर कल रात तक 9 बजे तक नजरबंद रहेंगे।
दरअसल ऐसा हनुमान मंदिर पर होने वाले भंडारे को लेकर किया गया है। जिस हनुमान मंदिर पर भंडारे की बात हो रही है उसी के पास से ही मोहर्रम का जुलूस भी निकलता है। इसी वजह से इलाके में शांति भंग होने का खतरा रहता है। इसी के चलते पिछले तीन सालों से जिला प्रशासन हनुमान मंदिर पर पूजा पाठ और भंडारे की अनुमति नहीं देता है।
मंदिर में भंडारे करने की अनुमति की गुहार राजा उदय प्रताप सिंह ने लगाई थी। लेकिन इस कार्यक्रम को भी जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया है, जिसकी नोटिस भी पुलिस ने भदरी राजमहल में चस्पा कर दिया है।
बताया जाता है कि हनुमान मंदिर पर एक बंदर के मौत के बाद राजा उदय प्रताप सिंह बंदर की पुण्यतिथि पर भंडारे का आयोजन करते हैं। इस हनुमान मंदिर पर मोहर्रम के दिन हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन होता है। पिछले 3 सालों से जिला प्रशासन इस कार्यक्रम पर रोक लगाते हुए राजा भैया के पिता और उनके समर्थकों को नजरबंद करते हुए भंडारा का आयोजन नही करने देता है।
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बंदर को मारी गई थी गोली
दरअसल मोहर्रम के दिन ही 2005 में बंदर को गोली मार दी गई थी। इसके बाद से इलाके के लोग बंदर की पुण्यतिथि पर भंडारे का आयोजन करते हैं। लेकिन 2015 से राजा भैया के पिता ने मंदिर पर पूजा-पाठ को भव्य रूप दे दिया। इसके बाद दो समुदाय में टकराव देखते हुए जिला प्रशासन ने 2016 में इस आयोजन पर रोक लगा दी थी।
कर चुके हैं सुप्रीम कोर्ट तक अपील
अनुमति न मिलने पर राजा उदय प्रताप ने 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। 27 जनवरी 2020 को कोर्ट ने मामले को निस्तारित करते हुए जिला प्रशासन को निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसके बाद जिलाधिकारी ने 24 अगस्त 2020 को कोरोना का हवाला देते हुए भंडारे पर रोक लगा दी। साथ ही भदरी महल के पास भारी संख्या में फ़ोर्स तैनात कर दी है।

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