अमेरिका की पेशकश पर ईरान का दो टूक जवाब, कहा-नहीं चाहिए मदद

स्पेशल डेस्क
ईरान में कोरोना वायरस का कहर चीन के बाद सबसे ज्यादा टूटा है। चीन और इटली की तरह ईरान में भी कोरोना वायस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 20 हजार से अधिक लोग ईरान में कोरोना की चपेट में इसके आलावा वहां पर 1600 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है लेकिन ईरान अमेरिका से इसके लिए किसी तरह की मदद नहीं लेना चाहता है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कोरोना वायरस के खिलाफ लडऩे में अमेरिकी मदद की पेशकश को ठुकरा दिया है।
बीते कई महीनों से ईरान और अमेरिका में तनाव चरम पर रहा है। आलम तो यह है कि दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात भी बन गए थे। ईरान इन दिनों कोरोना वायरस की मार को झेल रहा है। अमेरिका ईरान की मदद करना चाहता है लेकिन ईरान ने अमेरिका से मदद लेने से मना कर दिया है।

इतना ही नहीं ईरान ने आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस को तैयार कराने में अमेरिका का हाथ है। इससे पहले चीन ने इसी तरह का आरोप लगाया था और कहा था कि अमेरिकी सैनिक की वजह से कोरोना वायरस चीन में फैला है। चीन ने आरोप तब लगाया जब जब कोरोना वायरस को अमेरिका की ओर से चीनी वायरस कहा गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका की ओर से मदद की पेशकश को अजीब करार दिया है। टीवी पर दिए भाषण में उन्होंने अमेरिकी नेताओं को धूर्त कहा।
खामनेई ने कहा कि अमेरिका ने कई बार ईरान को वायरस को खत्म करने के लिए मदद की पेशकश की है, उन पर वायरस को बनाने का आरोप है। मैं नहीं जानता कि ये सही है, लेकिन ये अजीब है कि आप ईरान की मदद करना चाहते है।
अब देखना होगा अमेरिका इसकी क्या प्रतिक्रिया देता है। अमेरिका और ईरान में लगातार संघर्ष देखने को मिल रहा है। हालांकि कोरोना वायरस का प्रकोप अमेरिका में भी देखने को मिला है।

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