अब तक आठ बार रंग-रूप बदल चुका है कोरोना वायरस, वैज्ञानिक परेशान

 
विश्व में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है। विश्व स्वास्थ संगठन ने कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनिया भर में 664,071 लोग पीड़ित हैं, जबकि करीब 30,883 लोगों की मौत हो चुकी है।

उधर, दुनिया भर के वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस से हैरान कर रखा है। वैज्ञानिक इस वायरस की दवा बनाने में इस लिए भी परेशान हैं, क्योंकि यह लगातार अपना रूप बदल रहा है।
 

इस वायरस ने चीन के वुहान से निकलने का बाद से अब तक अपनी स्ट्रेन आठ बार बदली है। यानी रंग-रूप बदल रहा है। इन आठों स्ट्रेन पर दुनिया भर के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।

ये सभी आठों स्ट्रेन मिलते-जुलते हैं, लेकिन मामूली अंतर के साथ। हालांकि, वैज्ञानिकों का दावा है कि कोई भी स्ट्रेन दूसरे स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक या जानलेवा नहीं दिखाई दे रहा है। सभी स्ट्रेन का दुष्प्रभाव एक जैसा ही है।
 

डेली मेल वेबसाइट ने यूएसए टुडे के हवाले से बताया है कि यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर चार्ल्स चिउ ने बताया कि यह वायरस लगातार अपनी शक्ल और रूप को बदल रहा है। लेकिन अंदर से इसके आरएनए और डीएनए में थोड़ा ही बदलाव हो रहा है। अंदर ज्यादा बदलाव नहीं हो रहा है।

How coronavirus mutated and eight strains raced around the world after initial outbreak in China https://t.co/fuCIwqXgwq
— Daily Mail Online (@MailOnline) March 29, 2020

वैज्ञानिक इस बात से भी हैरान है कि कोरोना का हर नया चेहरा उतना ही घातक है, जितना कि उससे पहले वाला। लेकिन ये समझ नहीं पा रहे हैं कि कौन से चेहरे के कोरोना ने सामुदायिक रूप से लोगों को ज्यादा संक्रमित किया है।

प्रो. चार्ल्स चिउ ने कहा कि सभी आठ चेहरे अलग-अलग जरूर हैं लेकिन सैद्धांतिक रूप से ये एक ही हैं। क्योंकि इनमें जो बदलाव आ रहा है वह बेहद धीमा है। कोरोना वायरस के जो स्ट्रेन बदल रहे हैं उनकी बदलने की गति 8 से 10 गुना कम है। जबकि फ्लू की ज्यादा होती है।
 

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