अगर आप म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट करते हैं तो ये ख़बर आपके लिए हैं

कारोबार डेस्क|

विदेशी निवेशक देश के शेयर बाजार में ज्यादा पैसे लगा पाएंगे. अगले हफ्ते वित्त मंत्रालय इस पर फैसला ले सकता है. अगर ऐसा होता है तो शेयर बाजार में तेजी आएगी. लिहाजा म्युचूअल फंड में पैसा लगाने वालों को फायदा मिलेगा.सीएनबीसी-आवाज़ को मिली जानकारी के मुताबिक सरकार इन इंस्ट्रूमेंट्स में एफपीआई यानी फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है. ऐसा होने पर विदेशी निवेश के साथ-साथ करंट अकाउंट डेफिसिट पर काबू पाने में भी मदद मिलेगी.
आईपीओ और एफपीओ में फिलहाल अधिकतम 50 फीसदी सब्सक्रिप्शन की सीमा है. कॉरपोरेट बॉन्ड में एफपीआई के निवेश की सीमा 20 फीसदी से बढ़ाई गई है. इस पर अगले हफ्ते वित्त मंत्रालय और सेबी के बीच बैठक हो सकती है. आपको बता दें कि एफपीआई का मतलब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक होता है. अन्य किसी देश से भारत के शेयर बाजार और बॉन्ड बाजार में पैसा लगाने वालों को एफपीआई कहते है.
देशी निवेशक देश के शेयर बाजार में ज्यादा पैसे लगा पाएंगे. अगले हफ्ते वित्त मंत्रालय इस पर फैसला ले सकता है. अगर ऐसा होता है तो शेयर बाजार में तेजी आएगी. लिहाजा म्युचूअल फंड में पैसा लगाने वालों को फायदा मिलेगा.सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सरकार इन इंस्ट्रूमेंट्स में एफपीआई यानी फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है. ऐसा होने पर विदेशी निवेश के साथ-साथ करंट अकाउंट डेफिसिट पर काबू पाने में भी मदद मिलेगी.
आईपीओ और एफपीओ में फिलहाल अधिकतम 50 फीसदी सब्सक्रिप्शन की सीमा है. कॉरपोरेट बॉन्ड में एफपीआई के निवेश की सीमा 20 फीसदी से बढ़ाई गई है. इस पर अगले हफ्ते वित्त मंत्रालय और सेबी के बीच बैठक हो सकती है. आपको बता दें कि एफपीआई का मतलब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक होता है. अन्य किसी देश से भारत के शेयर बाजार और बॉन्ड बाजार में पैसा लगाने वालों को एफपीआई कहते है.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं. इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं. इसका मतलब साफ है कि अगर विदेशी निवेशक शेयर बाजार में पैसा लगाएंगे तो म्यूचुअल फंड स्कीम्स में पैसा लगाने वालों की एनएवी की कीमत बढ़ जाएगी. लिहाजा आपको ज्यादा पैसा बनाने का मौका मिलेगा.

विदेशी निवेशकों ने मार्च में जमकर की खरीदारी

एफपीआई यानी विदेशी निवेशकों ने मार्च महीने के पहले 15 दिन में घेरलू पूंजी बाजार में 20,400 करोड़ रुपए से अधिक निवेश किए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रे़ड वॉर की चिंताएं कम होने और अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें नहीं बढ़ाने से विदेशी निवेशकों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है. ऐसे में रुपया मज़बूत हो गया है. लिहाजा भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशक तेजी से खरीदारी कर रहे हैं.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) फरवरी महीने में भी शुद्ध खरीदार रहे. इस दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार (शेयर और बांड बाजार दोनों) में कुल 11,182 करोड़ रुपए का निवेश किया.
एफपीआई ने एक से 15 मार्च के दौरान शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 17,919 करोड़ रुपए का निवेश किया, जबकि बॉन्ड मार्केट में शुद्ध रूप से 2,499 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इस तरह से  कुल 20,418 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है.

सोर्स :न्यूज़18

Back to top button