गृह मंत्रालय का लिखित बयान, जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में नहीं हुई खुफिया एजेंसियों से चूक
जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के काफिले में हुए आतंकी हमले के मामले में खुफिया एजेंसियों से चूक नहीं हुई थी. गृह मंत्रालय ने यह लिखित जवाब राज्य सभा में दिया है. दरअसल, राज्यसभा के सांसद सैयद नासिर हुसैन ने अपने लिखित सवाल में पूछा था कि पुलवामा आतंकी हमले की टोह लेने में खुफिया एजेंसी असफल रही थी. इस सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री जी.किशन रेड़डी ने कहा है कि नहीं, इस हमले को लेकर खुफिया एजेंसियां विफल नहीं रही हैं.
राज्यसभा सैयद नासिर हुसैन का इस मसले पर अगला सवाल था कि यदि खुफिया एजेंसियां इस मामले में विफल नहीं रहीं, तब आतंकी कार में 300 किलो विस्फोटक के सथ हाईवे पर आने में कैसे सफल हो गए. इस सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर बीते तीन दशकों से सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित आतंकवाद से प्रभावित रहा है. केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है.
उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों में बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया है. उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियां समन्वित तरीके से कार्य कर रही हैं. वहीं खुफिया एजेंसियों से मिले इंटेलीजेंस इनपुट को रियल टाइम पर विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में एनआईए द्वारा की गई अब तक की कार्रवाई में साजिशकर्ताओं, आत्मघाती हमलावर और वाहन उपलब्ध करापे वाले की पहचान पूरी कर ली है.
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उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को सीआरपीएफ के एक काफिले पर आतंकियों ने हमला किया था. इस हमले में आतंकियों ने 300 किलो विस्फोटक से भरी कार का इस्तेमाल किया था. आतंकियों ने पहले विस्फोटक से भरी इस कार को काफिले की एक बस से टक्कर मारकर विस्फोट किया था, बाद में ताबड़तोड़ गोलियों की बरसात सीआरपीएफ के जवानों पर की थी. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों ने देश के लिए अपने प्राणों का सर्वाच्च बलिदान दिया था.