योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में लिया बड़ा फैसला, लघु उद्यमियों को दी 20 लाख तक की छूट

योगी सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत उद्यम स्थापित करने वालों के लिए खजाना खोल दिया है। इन उद्यमियों के लिए प्रोजेक्ट की लागत के हिसाब से 6.25 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक की छूट दी जाएगी। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई।योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में लिया बड़ा फैसला, लघु उद्यमियों को दी 20 लाख तक की छूट

इस योजना के तहत ओडीओपी उद्यमियों के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और अन्य सूचीबद्ध बैंकों से लोन (वित्त पोषण) दिलवाया जाएगा। मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग उपलब्ध कराएगा। 25 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 6.25 लाख रुपये (जो कम हो) मार्जिन मनी के रूप में मिलेगा। 25 लाख से अधिक और 50 लाख रुपये तक की लागत वाली इकाइयों के लिए 6.25 लाख रुपये या परियोजना लागत का 20 प्रतिशत (जो अधिक हो) मार्जिन मनी के रूप में देय होगा। 50 लाख से अधिक और 1.5 करोड़ तक की लागत वाली इकाइयों पर 10 लाख रुपये या परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (जो अधिक हो) मार्जिन मनी लाभ मिलेगा। 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं में लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये (जो कम हो) मार्जिन मनी मिलेगी।

कैबिनेट के निर्णय के अनुसार, उद्यम के दो वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी। सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अंशदान के रूप में खुद जमा करना होगा। विशेष श्रेणी यानी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला एवं दिव्यांगजन के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 5 प्रतिशत स्वयं अंशदान के रूप में जमा करना होगा। 

ये होंगे पात्र

ओडीओपी योजना के तहत वित्त पोषण के लिए आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं है। उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण में सहायता की सुविधा संबंधित जिले के ओडीओपी उत्पाद इकाइयों को ही मिलेगी। आवेदक या इकाई किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, वित्तीय संस्था या सरकारी संस्था आदि का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए। उसने भारत सरकार या प्रदेश सरकार की संचालित किसी अन्य  स्वरोजगार योजना का पूर्व में लाभ प्राप्त न किया हो। आवेदक या उसके परिवार के किसी सदस्य को योजना केतहत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जाएगा। 

इस तरह होगा चयन
जिलास्तरीय टास्क फोर्स समिति (डीएलटीएफसी) के माध्यम से लाभार्थी का चयन किया जाएगा। जिलाधिकारी या उनकी ओर से नामित मुख्य विकास अधिकारी समिति के अध्यक्ष और उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र सदस्य सचिव या संयोजक होंगे। अग्रणी बैंक के जिला प्रबंधक, वित्त पोषण करने वाले प्रमुख बैंकों के जिला समन्वयक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि, जिले के चयनित उत्पाद से संबंधित विभागीय अधिकारी समिति के सदस्य होंगे। सभी आवेदन पत्रों को जांच के बाद उपायुक्त उद्योग टास्क फोर्स समिति के सामने प्रस्तुत करेंगे। समिति साक्षात्कार के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी करेगी। परियोजना की उपयोगिता और वायबिलिटी आदि के आधार पर लाभार्थी का चयन किया जाएगा।

लोन या वित्त पोषण की प्रक्रिया

जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र में आए आवेदन पत्रों को क्रमवार रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। साक्षात्कार के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक महीने में एक बार आयोजित की जाएगी। लाभार्थी के चयन के 7 दिन के अंदर उसका आवेदन पत्र संबंधित बैंक शाखा को भेज दिया जाएगा। बैंक शाखा प्रबंधक को एक माह के भीतर ऋण के स्वीकृति या अस्वीकृति के संबंध में निर्णय लेना होगा। इस बाबत तत्काल जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र को सूचना भेजनी होगी।

चयनित नए लाभार्थियों को न्यूनतम एक सप्ताह का अनिवार्य प्रशिक्षण राजकीय पॉलीटेक्निक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और उद्यमिता विकास संस्थान आदि से दिलवाया जाएगा। पूर्व में प्रशिक्षण ले चुके लाभार्थियों को इससे मुक्त रखा जाएगा। प्रशिक्षण के बाद संबंधित बैंक शाखा ऋण वितरण की कार्यवाही पूरी करेंगे। प्रशिक्षण के एक माह के अंदर बैंक को ऋण की पहली किस्त लाभार्थी को दी जाएगी।

ण की पहली किस्त दिए जाने के 7 दिन के अंदर बैंक को मार्जिन मनी के दावे संबंधित जिले के उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र से किया जाएगा। उपायुक्त उद्योग दावा प्राप्त होने के 7 दिन के अंदर मार्जिन मनी की धनराशि बैंक शाखा या लाभार्थी के खाते में डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराएंगे।

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