यूनिसेफ की पाक के साथ भारत को भी चेतावनी

पाकिस्तान में हिंसा के स्तर से सभी देश वाक़िफ़ हैं, वहां केवल रसूखदार लोग ही अमन चैन से रह सकते हैं, लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि, पाक में बुनियादी सुविधाओं का भी भारी आभाव है और जिसका शिकार भी ज्यादातर आम लोग ही बनते हैं. इसके साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं बच्चों से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में.

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, पाक मूलभूत आवश्यकताओं की कमी के कारण नवजात मासूमों के लिए बेहद खतरनाक होता जा रहा है. रिपोर्ट में दर्शाए गए आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में जन्मे प्रति 1,000 बच्चों में से 46 की उसी समय मौत हो जाती है. वहीं पाक के एक प्रमुख प्रसूति विशेषज्ञ डॉक्टर गजना खालिद ने बताया कि, ‘ये संख्या कम नहीं है, हमारे पास डॉक्टरों की बहुतायत है, हमें तो प्रसव में सहायक दक्ष दाइयों की जरूरत है.’

बर्बादी की कगार पर वेनेजुएला

 यह रिपोर्ट यूनिसेफ के नए अभियान का हिस्सा है जो नवजात मृत्युदर में कमी लाने के लिए चलाया गया है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, 80 फीसदी नवजातों की मौत का कारण समय से पहले जन्म लेना, ऑक्सीजन की कमी, सेप्सिस और न्यूमोनिया सहित जन्मजात संक्रमण जैसी समस्याएं हैं जिनका इलाज समय रहते किया जा सकता है. आपको बता दें कि,यूनिसेफ के अनुसार नवजातों की उच्चतम मृत्युदर वाले, 52 देशों में भारत का स्थान 12वां है और यह समस्या निम्न मध्यम वर्ग के साथ ज्यादा है, वर्ष 2016 में  छह लाख से अधिक बच्चों की जन्म के शुरूआती माह में ही मौत हो गई थी. 

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