भारत के कई शहरों में क्यों है सिविल लाइन्स, क्यों खास है ये इलाका? सुना होगा पर कारण नहीं जानते होंगे!
आजकल महाकुंभ की वजह से उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शहर काफी सुर्खियों में है. इस शहर में एक इलाका है, जिसका नाम है सिविल लाइन्स. पर हैरानी की बात ये है कि सिर्फ प्रयागराज ही नहीं, भारत के कई छोटे-बड़े शहरों में ये इलाका है. कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों है? ये इलाका क्यों इतना खास है कि कई शहरों (Why Cities Have Civil Lines) में मौजूद है. आपने इसका नाम तो सुना होगा, शायद इस इलाके में गए भी होंगे, पर आपको हमारे सवाल का जवाब नहीं पता होगा. चलिए हम आपको बताते हैं.
प्रयागराज, कानपुर, रुड़की, दिल्ली, फतेहपुर, आदि जैसे कई शहरों में सिविल लाइन्स मौजूद है. ये अंग्रेजों द्वारा बसाया गया एक मोहल्ला है. इंस्टाग्राम पर कंटेंट क्रिएटर वरुण गर्ग ने हाल ही में इससे जुड़ा एक वीडियो पोस्ट किया और सिविल लाइन्स होने का कारण बताया. सिविल लाइन्स का इतिहास सन 1800 के समय का है, जब अंग्रेजों ने भारत पर राज करना शुरू किया था. अंग्रेज हमेशा भारतीयों के बीच फर्क किया करते थे. उन्हें अंग्रेजों के साथ बैठने, खाने यहां तक कि उनके इलाकों में जाने तक की अनुमति नहीं थी.
इस वजह से होता था सिविल लाइन्स
बस इसी फर्क को बढ़ाने के लिए अंग्रेजों ने अपने अधिकारियों और रसूखदार लोगों के लिए एक अलग इलाका बसाया, जहां भारतीय नहीं जा सकते थे. यहां बड़े-बड़े बंगले बनाए गए, डांस और मनोरंजन के लिए क्लब बनाए गए. ये शहर का सबसे महंगा इलाका हुआ करता था. इस इलाके का नाम पड़ा, व्हाइट टाउन, यानी सिर्फ गोरों के जाने की जगह. ये इलाका सिविल अधिकारियों को अन्य नागरिकों से अलग करता था. बस इली वजह से इलाके का नाम सिविल लाइन्स पड़ गया. अब इन इलाकों के बंगलों में सरकार के बड़े अधिकारियों को रहने की जगह दी जाती है.