‘तंडेल’ के निर्माण में क्या है सुषमा स्वराज और उनके परिवार का योगदान
नागा चैतन्य और साई पल्लवी की फिल्म ‘तंडेल’ में पूर्व विदेश मंत्री और उनके परिवार का अहम योगदान रहा है। फिल्म निर्माता बनी वासु ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर नोट लिखकर उनका आभार जताया।
नागा चैतन्य और साई पल्लवी की फिल्म ‘तंडेल’ के निर्माता ने फिल्म से जुड़ी एक दिलचस्प जानकारी साझा की, जो शायद बहुत कम लोगों को मालूम होगी। इस फिल्म के निर्माण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके परिवार का अहम योगदान है। आइए जानते हैं किस तरह का योगदान उनके परिवार ने फिल्म के निर्माण में दिया है।
फुटेज उपयोग करने की अनुमति दी
‘तंडेल’ के निर्माता बनी वासु को फिल्म निर्माण के लिए पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की प्रेस कॉन्फ्रेंस की वास्तविक फुटेज चाहिए थी। इस फुटेज को उनके नाम के साथ उपयोग करने की अनुमति प्राप्त करने के लिए उन्होंने सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज से संपर्क किया। स्वराज परिवार ने उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के साथ इसकी अनुमति दे दी थी।
बनी वासु ने जताया आभार
फिल्म के निर्माता बनी वासु ने यह अनुमति मिलने के बाद अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक नोट लिखते हुए स्वराज परिवार का आभार भी जताया था। उन्होंने लिखा था, ‘2017 और 2018 में पाकिस्तानी जेलों में फंसे मछुआरों को वापस देश लेकर आने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के सराहनीय कार्य को प्रदर्शित करने का अवसर देने के लिए उनकी बेटी बांसुरी स्वराज का हार्दिक आभार। राजू और सत्या की हमारी सच्ची कहानी में नाम साझा करने की अनुमति देने में आपका समर्थन हमारे लिए बहुत मायने रखता है।’
वास्तविक घटना पर आधारित है ‘तंडेल’ की कहानी
चंदू मोंडेती निर्देशित और नागा चैतन्य और साई पल्लवी अभिनीत ‘तंडेल’ साल 2018 में हुई सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें भारतीय मछुआरों को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था और उन्हें जेल में डाल दिया गया था। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन भारतीय मछुआरों को देश वापस लाने के लिए अथक प्रयास किए। उनके निधन के बाद उनकी बेटी बांसुरी स्वराज ने उन 22 मछुआरों की वापसी सुनिश्चित की थी।