UP CM योगी पत्रकार भी रह चुके हैं, जानें- कहां करते थे काम?

 उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ लगातार पांचवी बार गोरखपुर सदर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर सांसद हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव के बाद उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली तो गोरखपुर सहित पूर्वांचल के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वह भी इसलिए क्‍योंकि मुख्‍यमंत्री बनने के पहले वह हर उन छोटी-बड़ी घटनाओं और शहर से लेकर गांव-कस्‍बों तक का हर रोज भ्रमण करते रहे हैं. उन्‍हें पूर्वांचल के चप्‍पे-चप्‍पे और गली-गली की जानकारी है. वह भी इसलिए क्‍योंकि उन्‍होंने पत्रकारिता में भी पांच साल हाथ आजमाया है. वर्ष 2007 में विजयादशमी के दिन रामलीला मैदान गोरखनाथ से उन्‍होंने ‘हिन्‍दवी’ नाम के साप्‍ताहिक अखबार की घोषणा की थी. इसका कार्यालय सबसे पहले गोरखनाथ मंदिर के योगी आदित्‍यनाथ के जनता दरबार कार्यालय के बगल में स्थित कमरे में था.

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दो से तीन माह तक कार्यालय मंदिर परिसर में ही था. कुछ समय बाद इस कार्यालय को गोरखनाथ मंदिर से गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन के सामने हिन्‍दू युवा वाहिनी के कार्यालय में शिफ्ट कर दिया गया. ‘हिन्‍दवी’ अखबार के संपादक रहे और वर्तमान में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित महाराणा प्रताप पोस्‍ट ग्रेजुएट कालेज जंगल धूसड़ के प्राचार्य डा. प्रदीप राव ने बताया कि हिन्‍दवी अखबार पूरे पांच साल तक चला. यह 16 पेज का साप्‍ताहिक अखबार था. उन्‍होंने बताया कि क्षेत्र के ऐसे मुद्दे जो अन्‍य अखबार में जगह नहीं पाते थे ऐसे मुद्दों को अखबार में ज्‍वलंत समस्‍याओं और मुद्दों के रूप में छापा जाता रहा है.

उन्‍होंने बताया कि योगी आदित्‍यनाथ प्रधान सम्‍पादक ही नहीं पूर्ण रूप से पत्रकार भी रहे हैं. शुक्रवार की रात में पेज फाइनल होने के बाद वह खुद प्रूफ रीडिंग देखते रहे हैं और शहर से बाहर रहने के दौरान भी पेज मंगवाकर उसमें खुद करेक्‍शन करके सुधार करवाते रहे हैं. रिपोर्टरों को वह रिपोर्टिंग पर जाने से पहले बताते थे कि कैसे रिर्पोटिंग करेंगे. उनके पास आज भी अखबार की प्रतियां सुरक्षित हैं. उनका कहना है कि यदि यह कहा जाए कि वह मंझे हुए पत्रकार भी हैं तो गलत नहीं होगा. वह बताते हैं कि वह खुद हर सप्‍ताह ‘हिन्‍दवी’ का संपादकीय लिखते रहे हैं.

वहीं ‘हिन्‍दवी’ में बतौर पत्रकार रिपोर्टिंग कर चुके वेद प्रकाश पाठक बताते है कि प्रधान संपादक होने के बावजूद वह इस तरह से ‘हिन्‍दवी’ को लेकर गंभीर रहे हैं कि अक्‍सर शुक्रवार की देर रात भी पेज बदलवा देते थे. उन्‍होंने यह भी बताया कि रिपोर्टिंग पर जाने के पहले वह अच्‍छी तरह से रिपोर्टरों को दिशा-निर्देश भी देते रहे हैं कि उन्‍हें किन-किन विषयों पर कार्य करना है. इससे रिपोर्टिंग करना काफी आसान हो जाता रहा है और एक अच्‍छी खबर तैयार होकर अखबार में छपती रही है. कई ज्‍वलंत मुद्दों पर पत्रकारिता करने का उन्‍हें हिन्‍दवी में रहते हुए अवसर मिला. लेकिन योगी आदित्‍यनाथ की व्‍यस्‍तताओं के कारण बाद में पांच साल तक छपने के बाद अखबार को बंद करना पड़ा.

 
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