इस खिलाड़ी ने लिया बड़ा फैसला, रविवार को नहीं खेलेगा क्रिकेट, दिलचस्‍प है वजह

क्रिकेट का इतिहास कई कारनामों से भरा पड़ा है। क्रिकेट मैदान पर ऐसी घटनाएं घट ही जाती हैं, जिन्‍हें लंबे समय तक याद रखा जाता है। हालांकि, आमतौर पर ऐसे कारनामे बल्‍लेबाज, गेंदबाज या फिर कोई फैन करता है। मगर शायद ही कभी ऐसा कारनामा सुनने को मिला हो, जब किसी खिलाड़ी ने एक खास दिन क्रिकेट खलने से इनकार कर दिया हो। क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसी घटना घट चुकी है, जब क्रिकेटर ने रविवार को क्रिकेट खेलने से मना कर दिया। इसके पीछे उस क्रिकेटर ने एक धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं आहत होने का हवाला दिया था। आइये आपको उस यादगार और दिलचस्‍प घटना के बारे में बताते हैं।

23 नवंबर 1930 की है बात

बात 23 नवंबर 1930 की है। रविवार का दिन था। ब्रिटिश प्लेयर कोलकाता में मैच खेलने आए थे। इन ब्रिटिश प्लेयर में जैक हॉब्स और हर्बर्ट सटक्लिफ भी शामिल थे। इनका मैच कलकत्ता स्पोर्टिंग यूनियन के साथ होने वाला था। स्‍पोर्टिंग यूनियन साल 1896 में सारदा रंजन रॉय और हेमंगा बोस ने बनाई थी। इसकी तरफ से कार्तिक, गणेश, बपी, बाबू पंकज अंबर, प्रणब खेलते थे। साथ ही मंटू बनर्जी, सुब्रता गुहा, दिलीप दोषी, देवंग गांधी भी इनमें शामिल थे। इनके साथ ही इस क्लब से दत्तू पाढ़कर, माधव आप्टे और रामनाथ केन्नी भी जुड़े हुए थे।

हॉब्स ने मैच खेलने से कर दिया मना

मैच कॉलेज स्ट्रीट के पास मार्क्स स्‍क्‍वॉयर पर था। इस मैदान के चारों ओर तीन मंजिला घर बने हुए थे। इन घरों की बालकनी पर मैच देखने वाले लोगों की भीड़ रहती थी। काफी संख्या में इन घरों की छत और बालकनी से लोग मैच देखते थे। समाचार पत्र एडिलेड ने लिखा है कि विदेशी संवाददाताओं के लिए यह एक अनोखा अनुभव था। मैच के दौरान मैदान में पक्षी आ रहे थे और आधे कपड़े पहने लोगों ने बाउंड्री लाइन पर कब्जा कर रखा था। मैच में ब्रिटिश खिलाड़ी जैक हॉब्स और हर्बर्ट सटक्लिफ आकर्षण के मुख्य बिंदु थे। मगर हॉब्स ने उस दिन मैच खेलने से मना कर दिया था। इसके पीछे वजह थी कि हॉब्स रविवार के दिन क्रिकेट नहीं खेलते थे।

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हॉब्स ने कहा था- माफ कर दें

सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था, ‘हॉब्स ने कहा कि उन्‍हें माफ कर दें, लेकिन वे रविवार के दिन मैच नहीं खेल सकते। उन्होंने इसके पीछे धार्मिक वजह बताते हुए कहा था कि मेरे रविवार के दिन क्रिकेट खेलने से भारत में ईसाई धर्म को ठेस पहुंच सकती है। ईसाई धर्म में रविवार के दिन कुछ भी नहीं किया जाता। साथ ही उनकी पत्नी ने भी रविवार के दिन उनके क्रिकेट खेलने पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, सटक्लिफ ने मैच खेला। यह सिंगल वनडे इनिंग मैच था। ब्रिटिश खिलाड़ियों ने पहले बल्लेबाजी की और दो विकेट गंवाकर 209 रन बनाए थे

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