दिल्ली का यह इलाका हो गया वीरान, घर-बार छोड़ जा रहे लोग

दिल्ली में बीते सप्ताह हुई हिंसा में उत्तर पूर्वी दिल्ली का शिव विहार इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. अब तक इस हिंसा में 46 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा के बाद शिव विहार इलाके की तस्वीर हिंसा के खौफनाक मंजर को बयां कर रही है.

मुस्तफाबाद और शिव विहार इलाके के कई गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है और ऐसा लग रहा जैसा यहां कभी इंसानों का बसेरा ही नहीं था. शिव विहार इलाके के गांवों में करीब 500 घर हिंसा के बाद खाली हो गए हैं. उन वीरान घरों में अब कोई भी नहीं रह रहा है.

हिंसा के बाद वहां के लोग काफी डरे हुए हैं. कुछ महिलाएं जो अपना घरबार छोड़कर जा रही थीं उन्होंने कैमरे पर बताया कि वो हिंसा की वजह से टूट चुकी हैं. महिलाओं के चेहरे पर दुख और उदासी साफ तौर पर नजर आ रही थी. गांव छोड़कर जा रही महिलाओं ने कहा कि हम पिछले रविवार तक खुशी से रह रहे थे और एक हफ्ते बाद ही हमारा सबकुछ बदल गया. उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता क्या कभी यहां वापस आ पाएंगे या नहीं.

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून ( CAA) को लेकर बीते सप्ताह दो दिनों तक उत्तर पूर्वी दिल्ली सुलगती रही थी. हिंसा में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में उपद्रव करने और हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया है और कुल 334 एफआईआर दर्ज की गई हैं.

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस घटनाक्रम की शुरुआत पिछले हफ्ते शनिवार रात से हुई, जब CAA के विरोध में कुछ महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठकर धरना देने लगीं.  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे CAA के विरोध में धीरे-धीरे महिलाओं की भीड़ जुटनी शुरू हुई. महिलाओं ने स्टेशन के नीचे एक तरफ की सड़क को जाम कर दिया और विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया.

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जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क बंद हो जाने से ट्रैफिक की आवाजाही पर असर पड़ा जिससे लोगों की मुश्किलों का सामना करना पड़ा. हालात को देखते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से सड़क खोलने को कहा. पुलिस ने कहा कि उन्हें राजघाट तक मार्च करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

इस बीच बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने 23 फरवरी दोपहर को ट्वीट कर लोगों से सीएए के समर्थन में मौजपुर चौक पर जमा होने की अपील की. सीएए समर्थकों की भीड़ के बीच कपिल मिश्रा ने भड़काऊ भाषण दिया. पुलिस को 3 दिन के भीतर सड़क खुलवाने का अल्टीमेटम दिया. मौजपुर चौक पर बाबरपुर (श्मशान वाली गली) इलाके प्रदर्शनकारियों ने सीएए समर्थकों पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. मौजपुर, मौजपुर चौक, करावल नगर, बाबरपुर और चांद बाग इलाके में हिंसा और बवाल शुरू हो गया. पुलिस ने लाठी चार्ज किया, अर्द्धसैनिक बलों को बुलाया गया.

कुछ देर के लिए शांति रही, लेकिन थोड़ी देर बाद हिंसा फिर भड़क उठी. करावल नगर, मौजपुर, बाबरपुर और चांदबाग के इलाके में उपद्रवी फिर आपस में भिड़ गए. उपद्रवियों ने कई वाहनों  और दुकानों को आग के हवाले कर दिया. 23 फरवरी की रात पुलिस ने हालात पर काबू पाने का दावा किया. लेकिन 24 फरवरी की सुबह 10 बजे सीएए समर्थक प्रदर्शन करते हुए सीएए विरोधियों के नजदीक पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे. CAA समर्थकों ने जाफराबाद से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की.

दोपहर होते-होते बाबरपुर इलाके में पत्थरबाजी शुरू हो गई. नकाब पहने और हाथ में तलवार लहराते हुए उपद्रवी सड़कों पर उतर आए. पैरा मिलिट्री फोर्सेज को बुलाया गया, आंसू गैस के गोले दागे गए, लेकिन महिलाओं ने पानी से भरी बाल्टी फेंक कर आंसू गैस के असर को कम कर दिया. करावल नगर, शेरपुर चौक और गोकुलपुरी में भी हिंसा हुई. पुलिस ने लाठी चार्ज किया. कर्दमपुरी में जबर्दस्त पत्थरबाजी की घटना हुई. भजनपुरा में बस समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पेट्रोल पंप में भी आग लगा दी गई. हिंसा में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि डीसीपी घायल हो गए. कर्दमपुरी में उपद्रवियों और अर्द्धसैनिक बलों के बीच झड़प हुई.

सुबह से शुरू हुआ हिंसा का दौर रुक-रुक कर रात तक चलता रहा. गोकलपुरी इलाके में टायर मार्केट को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया.टायर की दुकानें धू-धू कर जलने लगीं. बगल में स्थित स्कूलों को भी नुकसान पहुंचा. देर रात तक हिंसा और बवाल जारी रहा.रात करीब 10 बजे मौजपुर और घोंडा चौक भी हिंसा और बवाल शुरू हो गया. दिल्ली में मंगलवार को भी हिंसा जारी रही. 25 फरवरी की सुबह सुबह उपद्रवियों ने पांच मोटरसाइकिल को जला दिया. मंगलवार सुबह भी मौजपुर और ब्रह्मपुरी इलाके में पत्थरबाजी की घटना हुई है. 26 फरवरी की सुबह गोकुलपुरी में फिर कुछ उपद्रवियों ने आगजनी कर दी जिससे पूरे इलाके में तनाव फैल गया.

 

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